वाशिंगटन. अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाई है और कहा है कि इस मुद्दे को विश्व नेताओं द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए। मैरी मिलबेन ने कहा, “चिन्मय कृष्ण दास की कैद और बांग्लादेश में चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों को अब विश्व नेताओं द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए। हमें धार्मिक स्वतंत्रता और वैश्विक स्तर पर सभी आस्थावान लोगों की सुरक्षा को बनाए रखना चाहिए।” बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के तहत अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर अत्याचार जारी रहने के बीच, फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने भी बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते “मानवाधिकार उल्लंघन” पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसमें हाल ही में ISCKON के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी भी शामिल है।
मैरी मिलबेन की तरफ से किया गया पोस्ट
मैरी मिलबेन ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए एक्स पर लिखा है ” चिन्मय कृष्ण दास की कैद और बांग्लादेश में चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हमलों को अब विश्व नेताओं को संबोधित करना चाहिए। हमें धार्मिक स्वतंत्रता और वैश्विक स्तर पर सभी आस्था रखने वाले लोगों की सुरक्षा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने एक्स पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचार को अब विश्व नेताओं को गंभीरता से संबोधित करना चाहिए। मैरी मिलबेन ने आगे कहा कि हमें धार्मिक स्वतंत्रता और वैश्विक स्तर पर सभी आस्था रखने वाले लोगों की सुरक्षा बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने विश्व के नेताओं से अपील करते हुए कहा है कि वे बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के खिलाफ कदम उठाएं।
हिंदू स्थलों को बनाया जा रहा निशाना
बांग्लादेश में कट्टरपंथी लगातार हिंदू और उनके स्थलों को निशाना बना रहे हैं। हाल के समय में वहां से ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें हिंदू अल्पसंख्यकों को लेकर बयान बाजी हो रही है। पूजा स्थलों, और हिंदू समुदाय के नेताओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ी है। मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता के हनन पर चिंता जताई है. मैरी मिलबेन के इस बयान से पता चलता है कि बांग्लादेश का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ चुका है। इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं बांग्लादेश सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की. जिस पर बांग्लादेश की प्रतिक्रिया में इसे “आंतरिक मामला” बताया गया।
साभार : इंडिया न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं