रविवार, दिसंबर 22 2024 | 10:04:38 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / नरेंद्र मोदी ने रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वालों से की मुलाकात

नरेंद्र मोदी ने रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वालों से की मुलाकात

Follow us on:

कुवैत सिटी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (21 दिसंबर) को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे हैं, उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस दौरान उन्हें अरबी भाषा की रामायण और महाभारत भी भेंट की गई. प्रधानमंत्री ने कुवैत में अब्दुल्ला अल बरून और अब्दुल लतीफ अल नेसेफ से मुलाकात की. पीएम मोदी ने दोनों की सराहना की और उनकी पुस्तक पर हस्ताक्षर किए. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने ग्रेट काम किया है.

दरअसल, अब्दुल्ला अल बरून ने रामायण और महाभारत दोनों को अरबी में ट्रांसलेट  किया है. वहीं, अब्दुल लतीफ अल नेसेफ ने रामायण और महाभारत के अरबी संस्करण प्रकाशित किए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में भी उनके इन प्रयासों को लेकर जिक्र किया था. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर अनुरोध के बाद 101 वर्षीय आईएफएस अधिकारी मंगल सेन हांडा से भी मुलाकात की, जो भारतीय इतिहास के जीवंत साक्षी हैं.

किताब के पब्लिशर ने की पीएम मोदी की तरीफ

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद पुस्तक के प्रकाशक अब्दुललतीफ अलनेसेफ कहा, “मैं बहुत खुश हूं, यह मेरे लिए सम्मान की बात है. पीएम मोदी इससे बहुत खुश है. ये किताबें बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों पुस्तकों पर हस्ताक्षर किए हैं. यह उनके जीवन के लिए बहुत बड़ा क्षण हैं, जो सदैव उनके साथ रहेंगे.”

43 साल बाद किसी प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के विशेष निमंत्रण पर दो दिवसीय कुवैत यात्रा पर हैं. यह दौरा 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है, जिससे दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीद है. कुवैत पहुंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “कुवैत में उतरते ही गर्मजोशी से स्वागत किया गया. 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है, और इससे निस्संदेह विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कुवैत मित्रता मजबूत होगी. मैं आज और कल के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं.”

साभार : एबीपी न्यूज

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी व सांसद मुकेश राजपूत संसद-परिसर में धक्का-मुक्की होने से हुए घायल

नई दिल्ली. संसद परिसर में गुरुवार सुबह धक्का-मुक्की के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व ओडिशा …