क्वेटा. पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर आर्मी के काफिले पर भीषण हमला हुआ है। पाकिस्तानी सेना की गाड़ियों को जमरान और कलात में निशाना बनाया गया है। पाकिस्तानी सेना के वाहन को IED ब्लास्ट करते हुए उड़ा दिया गया। इसमे सैन्य वाहन पूरी तरह से नष्ट हो गया। वहीं एक अन्य सैन्य चौकी पर हमला किया गया। इन हमलों में 10 सैनिकों की जान गई है। बलूचिस्तान के विद्रोही गुट बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। गुट ने हमले का वीडियो भी जारी किया है।
वाॉइस ऑफ खुरासान की रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान के जमरान और कलात में दो अलग-अलग हमलों में 10 पाक सैनिक मारे गए हैं। बीएलए ने जमरान जिले के नोवानो इलाके में एक सैन्य काफिले को निशाना बनाकर रिमोट कंट्रोल से बम से हमला किया गया। इस हमले में एक सैन्य वाहन पूरी तरह नष्ट हो गया, जिससे नौ सैनिक मौके पर ही मारे गए।
कलात में चौकी पर हमला
कलात के मोरगांड इलाके में एक सैन्य चौकी पर हमला किया गया। इसमें एक सैनिक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। बलूच लिबरेशन आर्मी ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए घोषणा की कि ये हमले पाकिस्तानी सेना के खिलाफ उनके चल रहे संघर्ष का हिस्सा हैं। बीएलए ने भविष्य में भी इसी तरह के अभियान जारी रखने की बात कही है।
बलूचिस्तान में BLA समेत कई गुट पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह कर रहे हैं। इन गुटों का कहना है कि उनके प्रांत को लूटा जा रहा है। बलूचिस्तान की संपदा को पंजाब और दूसरे लोग इस्तेमाल में ले रहे हैं। वहीं बलूच लोग गरीबी में जीने को मजबूर हैं। ऐसे में वह बलूच लोगों के लिए पाकिस्तान से अलग देश चाहते हैं और इसके लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
पाक फौज को दिखाई है ताकत
बलूच विद्रोहियों ने बीते कुछ महीनों में पाकिस्तानी सेना और सरकार को लगातार झटके दिए हैं। पाक सेना की चौकियों और काफिलों पर लगातार हमले हो रहे हैं। वहीं जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करके भी BLA ना सिर्फ पाक फौज बल्कि दुनिया को अपनी ताकत दिखा चुकी है। पाक सरकार BLA को आतंकी सगंठन कहती है। पाक सेना ने इनके खिलाफ कई ऑपरेशन किए हैं लेकिन इस गुट की ताकत कम नहीं हुई है।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
Matribhumisamachar


