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अल्बानिया ने अपनी कैबिनेट शामिल किया विश्व का पहला एआई मंत्री

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तिराना. अल्बानिया ने शासन व्यवस्था में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए इतिहास रच दिया है. यूरोप का यह छोटा-सा देश दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने अपने कैबिनेट में एक AI से मंत्री को शामिल किया है. इस एआई मंत्री का नाम दीएला Diella रखा गया है और इसे सरकारी टेंडरों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है. वहां के प्रधानमंत्री एदी रामा ने संसद में औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि यह पहला ऐसा कैबिनेट सदस्य है जो शारीरिक रूप से इंसान नहीं, बल्कि पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्मित है. अब यह भी जान लेते हैं कि क्या ऐसा भारत में संभव है?

अल्बानिया में दीएला की भूमिका

दीएला का मुख्य काम सरकारी टेंडरों और ठेकों की प्रक्रिया पर नजर रखना है. अल्बानिया लंबे समय से भ्रष्टाचार और ठेकेबाजी से जुड़ी विवादित गतिविधियों के लिए बदनाम रहा है. ऐसे में सरकार का मानना है कि एआई आधारित मंत्री निर्णय प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष बनाएगा. दीएला टेंडरों का मूल्यांकन करेगा, दस्तावेजों की जांच करेगा और सुनिश्चित करेगा कि सरकारी धन पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल हो.

भारत में क्या है इसकी संभावना

अल्बानिया का यह प्रयोग भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में भी बहस का मुद्दा बन सकता है. भारत पहले से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ा रहा है, लेकिन कैबिनेट स्तर पर एआई को शामिल करना फिलहाल दूर की बात लगती है. संवैधानिक मान्यता, डेटा सुरक्षा, पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे मुद्दों पर गंभीर विमर्श होना जरूरी होगा. अल्बानिया ने एआई मंत्री नियुक्त कर यह संदेश दिया है कि भविष्य की राजनीति और शासन में तकनीक की भूमिका कितनी अहम होगी. अब दुनिया देख रही है कि यह प्रयोग सफल होता है या नई समस्याओं को जन्म देता है.

AI की गलती का जिम्मेदार कौन?

हालांकि, यह कदम आलोचना से अछूता नहीं है, कि एक सॉफ्टवेयर को अल्बानिया में संवैधानिक पद पर नियुक्त करना लोकतंत्र और जवाबदेही के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर AI किसी निर्णय में गलती करता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, तकनीकी टीम, सरकार या खुद एआई सिस्टम?

साभार : एबीपी न्यूज

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