अपने पूर्वजों के किये पापों का फल जब उसके वंश में किसी एक जातक को भोगना पड़ता है तो उसे पितृदोष कहा जाता है। महाराज दशरथ ने श्रवण को तीर मारने पर श्रवण के माता-पिता ने शाप दे दिया, ‘‘जैसे हम पुत्र-वियोग में मर रहे हैं, वैसे आप भी पुत्र …
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