कोलकाता (मा.स.स.). यह एक तथ्य है कि हमारे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (जैसे मोटर/कंट्रोलर/कनवर्टर/बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम/चार्जर) के लिए 90 प्रतिशत से अधिक कल-पुर्जों और इसकी तकनीक का आयात किया जा रहा है, जो हमारे देश के पर्यावरण, सड़क और यातायात स्थितियों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसलिए, इस समस्या को दूर करने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने इलेक्ट्रिक वाहन उप-प्रणालियों के स्वदेशी विकास के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। प्रारंभ में, 2डबल्यू/3डबल्यू के लिए प्रौद्योगिकी विकास शुरू किया गया है क्योंकि यह हमारी सड़कों पर 80 प्रतिशत से अधिक वाहनों में उपयोग किया जाता है।
उपर्युक्त कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी खड़गपुर द्वारा ई-रिक्शा के लिए एक स्वदेशी, कुशल, सस्ती और प्रमाणित बीएलडीसी मोटर और स्मार्ट नियंत्रक विकसित किया गया है। वाणिज्यिक उत्पादन के लिए यह प्रौद्योगिकी कल मैसर्स ब्रशलेस मोटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी गई। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव, अलकेश कुमार शर्मा, डॉ. जयदीप कुमार मिश्रा, अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), सुनीता वर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में समूह समन्वयक (इलेक्ट्रॉनिक्स में अनुसंधान और विकास), डॉ. सोमनाथ सेनगुप्ता, आईआईटी खड़गपुर और ओम कृष्ण सिंह, वैज्ञानिक डी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) उपस्थित थे। यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण डिजिटल इंडिया सप्ताह के हिस्से के रूप में हुआ है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 जुलाई, 2022 को गुजरात के गांधीनगर में किया था।