शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 02:23:48 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / सांस्कृतिक आदान-प्रदान से देशों के बीच अच्छे सम्बंधों को प्रोत्साहन मिलता है : मीनाक्षी लेखी

सांस्कृतिक आदान-प्रदान से देशों के बीच अच्छे सम्बंधों को प्रोत्साहन मिलता है : मीनाक्षी लेखी

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद (आईसीसीआर) और अल सल्वाडोर के दूतावास के सहयोग से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने अल सल्वाडोर के प्रसिद्ध चित्रकार रोडाल्फो वेगा अवीडो के कला-चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया।प्रसिद्ध चित्रकार रोडाल्फो वेगा अवीडो की उपस्थिति में विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने आज नई दिल्ली में आईजीएनसीए वीथिका में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और कला-कौशल के जरिये एक-दूसरे की जीवन-शैली को समझने में मदद मिलती है तथा देशों के बीच अच्छे सम्बंधों को प्रोत्साहन मिलता है। रोडाल्फो वेगा अवीडो का अभिनंदन करते हुये उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में आज का यह अवसर बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रसिद्ध कलाकार रोडाल्फो वेगा अवीडो, चित्रकार, इंटीरियर वास्तुशास्त्री और सांस्कृतिक प्रशासक हैं, जिन्हें फ्रांस की सरकार ने उनके सांस्कृतिक कार्यों तथा फ्रांस और लातीनी अमेरिका के बीच सम्बंधों को मजबूत बनाने के लिये पुरस्कृत भी किया है।

रोडाल्फो की कला-कृतियां एक धुरी के रूप में काम करती हैं, जिनके केंद्र में कोई न कोई विशेष कहानी होती है। वे तार, रेत और पत्तों जैसी सामग्रियों को सावधानी से चुनकर तथा उन्हें अपनी स्मृति में ढालने के बाद कलात्मक रूप प्रदान करते हैं। एक्रेलिक और नियोन रंगों के जरिये वे कैनवास पर ब्रह्माण्ड या धार्मिक पात्रों-प्रतीकों के चित्र उकेरते हैं। ये सभी चित्र लगभग अमूर्त होते हैं। ज्यामितीय रेखांकन, रंग और कलेवर मिलकर उनकी अपनी शैली को चित्रित करते हैं, जिन्हें देखना बहुत मनभावन होता है। कलाकृतियों को ध्यान से देखने पर तरह-तरह का भान होता है, जैसे वास्तुकला, मंदिर, किरण, सूर्य, चंद्रमा, आदि। कलाकृतियों में आकाश का भान सूर्य और चंद्रमा की हरकत से कराया जाता है। इस पर तीन आयामी आकाश का चित्र बना होता है।

उनकी कलाकृतियां विभिन्न निजी और सार्वजनिक संकलन का हिस्सा हैं तथा विश्व के 20 से अधिक देशों में उन्हें प्रदर्शित किया जा चुका है। इन चित्रों और संकलनों को मेत्ज़ में पॉमपिंदू म्यूजियम, तेहरान आर्टिस्टिक हाउस, स्पेन के रक्षा मंत्रालय, क्यूबा में हवाना स्थित गोमेज पैलेस में रखा गया है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

युद्ध के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने यूक्रेन में अपना दूतावास किया बंद

कीव. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने कीव स्थित अपने …