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भारी उद्योग मंत्रालय ने डीवीए से संबंधित स्वचालित ऑनलाइन डेटा ट्रांसफर किया लॉन्च

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नई दिल्ली (मा.स.स.). भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएलआई आवेदक के ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) प्रणाली से पीएलआई ऑटो पोर्टल पर घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा प्राप्ति के लिए स्वचालित ऑनलाइन डेटा ट्रांसफर लॉन्च किया। पीएलआई योजना के सभी स्वीकृत आवेदकों की अपनी ईआरपी प्रणाली है। ईआरपी एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जिसका उपयोग संगठन व्यावसायिक गतिविधियों के प्रबंधन के लिए करते हैं।

आईटी सक्षम प्रणाली आवेदक की वर्तमान ईआरपी प्रणाली से सहज रूप से डेटा भारी उद्योग मंत्रालय के पीएलआई ऑटो पोर्टल पर हस्तांतरित करने में सक्षम करने के लिए तैयार किया गया है। एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) आवेदक के ईआरपी प्रणाली के साथ जुड़ेगा और इस योजना में स्वचालित व कागज रहित प्रोसेसिंग को सक्षम बनाएगा। सामान्य स्थितियों में आवेदकों को बड़े स्तर पर दावा दायर करने की आवश्यकता पड़ती है। यह सुविधा ऑटोमेशन से बड़े स्तर पर कागजी कार्य को समाप्त कर देती है। इस प्रकार यह आईटी सक्षम प्रणाली एक ओर आवेदकों के अनुपालन बोझ को कम करेगी और दूसरी ओर दावे को तेजी से प्रोसेसिंग करने में सक्षम करेगी।

इस प्रणाली को अग्रणी ओईएम तथा ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों के साथ संपूर्ण हितधारक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि ये प्रक्रियाएं पारदर्शिता, व्यापार करने में सहजता, फेसलेस और स्व-प्रमाणन आधारित मूल्यांकन तथा कागज रहित वितरण को सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रणाली से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत अभियान को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

सरकार ने 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ उन्नत ऑटोमोटिव उत्पादों (एएटी) के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारत में ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (पीएलआई-ऑटो) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना 67,690 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को आकर्षित करने में सफल रही है जबकि लक्ष्य पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये के निवेश का था। इस योजना से 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एएटी उत्पादों का वृद्धिशील उत्पादन होगा।

इसकी अच्छी प्रतिक्रिया से पता चलता है कि उद्योग ने विश्वस्तर के विनिर्माण केन्द्र के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपना विश्वास व्यक्त किया है जो प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है। पीएलआई-ऑटो योजना उन्नत मोटर वाहन प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव करती है।

योजना से केवल उन पात्र एएटी उत्पादों को प्रोत्साहन मिलता है जिनके लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) प्राप्त किया गया है। न्यूनतम 50 प्रतिशत घरेलू मूल्यवर्धन के साथ पूर्व-अनुमोदित पात्र उत्पाद इस योजना के तहत प्रोत्साहन के पात्र होंगे। यह मानदंड भारत के बाहर से आयात को कम करेगा, भारत में एएटी उत्पादों के लिए गहन स्थानीयकरण को सक्षम बनाएगा और भारतीय मोटर वाहन उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

वित्त वर्ष 2022-23 पहला वित्तीय वर्ष है जिसके लिए स्वीकृत आवेदक निर्धारित बिक्री पर प्रोत्साहन का दावा कर सकता है। 5 साल की अवधि के लिए 1 अप्रैल 2022 से बिक्री के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत डीवीए के साथ एएटी उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पात्र होगी।पीएलआई ऑटो में कामकाज और प्रोसेसिंग की संपूर्ण प्रणाली आपसी विश्वास पर आधारित है। लाभार्थी द्वारा जो कुछ भी दाखिल किया जाएगा उसे एमएचआई द्वारा स्वीकार किया जाएगा। लेकिन किसी भी शिकायत पर भारी उद्योग मंत्रालय को सत्यापन के लिए डिजिटल फुटप्रिंट का पता लगाने की अनुमति होगी।

ऑटोमेटेड ऑनलाइन घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) कैप्चरिंग प्रोसेस की मुख्य विशेषताएं:

आवेदक अपनी इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) प्रणाली में अपने सभी योग्य उत्पादों के लिए विस्तृत डीवीए गणना बनाए रखेंगे। ईआरपी प्रणाली एएटी उत्पाद स्तर पर घटक के अनुसार मूल्यों, घटक के अनुसार डीवीए और अंतिम डीवीए के विवरण के साथ प्रत्येक बैच/उत्पाद/मॉडल/प्रकार के लिए डीवीए गणना बनाए रखेगा।

आवेदकों का ईआरपी एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के माध्यम से तिमाही आधार पर उत्पाद के अनुसार डीवीए को पीएलआई ऑटो पोर्टल पर भेज देगा। एपीआई नियमों का एक सेट है जो विभिन्न कार्यक्रमों को एक दूसरे से संवाद करने में सक्षम बनाता है और सुसंगत प्रारूप में इंटरनेट पर डेटा और कार्यक्षमता को प्रदर्शित करता है। यह एक आर्किटेक्चरल पैटर्न है जो बताता है कि कैसे वितरित सिस्टम सुरक्षित साइबर वातावरण में एक सुसंगत इंटरफेस को प्रदर्शित कर सकते हैं।

एपीआई तक पहुंचने के लिए आवेदकों के ईआरपी को https://pliauto.in/api/authenticate लिंक पर पहुंचकर स्वयं को प्रमाणित करना होगा और फिर https://pliauto.in/api/postDVA पर जाकर डीवीए डेटा जमा करना होगा। आवेदकों का ईआरपी केवल उत्पाद के अनुसार डीवीए को पीएलआई ऑटो पोर्टल पर भेजेगा। प्रत्येक उत्पाद के लिए डीवीए की विस्तृत गणना आवेदक के ईआरपी में ही रखी जाएगी जिससे आपूर्ति करने वालों या ग्राहकों के साथ उनके व्यापार गोपनीयता/गैर-प्रकटीकरण समझौतों का उल्लंघन न हो।

आवेदकों को अपनी ईआरपी प्रणाली में तिमाही डीवीए गणना को आवश्यक ऑडिट ट्रेल्स के साथ कम से कम 31 मार्च 2030 तक (यानी योजना के बंद होने से दो साल) या भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा आवेदकों को केवल भारी उद्योग मंत्रालय की पूर्व अनुमति से अपने ईआरपी पोर्टल से डीवीए डेटा को हटाने/समाप्त करने की अनुमति होगी।

स्वचालितता और पेपरलेस कामकाज की यह प्रणाली योजना के तहत 5 वर्षों की अवधि के दौरान यानी वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2026-27 तक जारी रहेगी। पिछले चार महीनों से अधिक समय से अग्रणी ओईएम और घटक कंपनियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद उपरोक्त प्रणाली/प्रोटोकॉल तैयार किया गया है।

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