नई दिल्ली (मा.स.स.). सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की पुनर्गठित हिंदी सलाहकार समिति की पहली बैठक डा. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मंत्री ने सरकारी कार्यालयों में अधिक से अधिक हिंदी में काम करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि देश में हिंदी की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए संविधान निर्माताओं ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया है। हिंदी के चौतरफा विकास की जिम्मेदारी भी सरकार को सौंपी गई है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि सरकारी कामकाज हिंदी में करके हम हिंदी की प्रगति में अपना योगदान दें। उन्होंने विशेष तौर पर पांच राज्यों- केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना- में क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ हिंदी के प्रचार-प्रसार पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक का आयोजन 6 महीने पर होना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि अन्य भाषाओं का सम्मान करते हुए और विवाद का मुद्दा ना बनाते हुए हिन्दी का प्रसार करना चाहिए। गडकरी ने कहा कि छोटे-छोटे लक्ष्यों का निर्धारण करें एवं उन्हें समयबद्ध तरीके से प्राप्त करके हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा दें। बैठक में मंत्रालय द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार और उपयोगिता के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री, जनरल (डॉ.) वी. के. सिंह ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार पर ज़ोर दिया और कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अपने पत्रावलियों में सरल हिन्दी का इस्तेमाल करें, जिससे इनके प्रयोग में आसानी हो सके।
सचिव अलका उपाध्याय ने मंत्रालय और अधीनस्थ कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का विस्तार से विवरण दिया। उन्होने बताया कि NHAI में तकनीकी शब्दों का एक शब्दकोश विकसित किया जा रहा है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव (लॉजिस्टिक्स) एस.पी. सिंह ने मंत्रालय द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इसमें मंत्रालय द्वारा राजभाषा के प्रयोग संबंधी प्रगति और हिंदी के सरलीकरण के लिए किए जा रहे अन्य प्रयासों के बारे में बताया गया।
बैठक में संसद सदस्य अरविंद गणपत सावंत एवं एस मुनिस्वामी, सचिव एवं NHAI अध्यक्षा अलका उपाध्याय, NHAI सदस्य आलोक कुमार एवं आर.के. पाण्डे, संयुक्त सचिव एस.पी. सिंह, निदेशक परेश गोयल, समिति के सदस्य और MORTH, NHAI, NHIDCL एवं IRC के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में हिंदी को प्रोत्साहित करने के बारे में गहन और सार्थक चर्चा हुई। समिति के सदस्यों ने हिंदी को बढ़ावा देने पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।