नई दिल्ली (मा.स.स.). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मालदीव गणराज्य के न्यायिक सेवा आयोग के बीच न्यायिक सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है। न्यायिक सहयोग के क्षेत्र में भारत और अन्य देशों के बीच यह आठवां समझौता ज्ञापन है।
यह समझौता ज्ञापन न्यायालयों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करेगा और दोनों देशों की आईटी कंपनियों एवं स्टार्ट-अप के लिए विकास का एक संभावित क्षेत्र साबित हो सकता है। हाल के वर्षों में, भारत और मालदीव के बीच घनिष्ठ संबंध बहुआयामी तरीके से प्रगाढ़ हुए हैं। विधि एवं न्याय के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को और गति मिलेगी। यह समझौता न सिर्फ दोनों देशों के बीच न्यायिक एवं अन्य कानूनी क्षेत्रों में ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को संभव बनाएगा बल्कि “पड़ोसी पहले” की नीति के उद्देश्यों को भी आगे बढ़ाएगा।