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वीगन खाद्य श्रेणी के तहत वनस्पति आधारित मांस उत्पाद की पहली खेप का गुजरात से अमेरिका निर्यात

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अहमदाबाद (मा.स.स.). अभिनव कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये केंद्र ने सर्वोच्च निर्यात संवर्धन संस्था– कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (एपीडा)– के जरिये वीगन (शाकाहारी और दुग्ध उत्पादों से रहित) खाद्य श्रेणी के अंतर्गत वनस्पति आधारित मांस उत्पादों की पहली खेप का निर्यात किया है। यह निर्यात गुजरात के खेड़ा जिले के नादियाड़ से अमेरिका के कैलीफोर्निया किया गया है।

विकसित देशों में वीगन खाद्य उत्पादों की बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर वनस्पति आधारित खाद्य उत्पादों में अंतर्राष्ट्रीय बाजारों को निर्यात करने की अपार क्षमता है, क्योंकि इसमें उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्‍व होते हैं। इसमें रेशे अधिक होते हैं और कोलोस्ट्रॉल की मात्रा बेहद कम होती है। इसलिये वीगन खाद्य उत्पाद पूरे विश्व में वैकल्पिक खाद्य उत्पाद बनते जा रहे हैं। नादियाड़ से जो पहली खेप अमेरिका निर्यात की गई है, उसमें वीगन उत्पाद हैं, जैसे मोमोज़, मिनी समोसे, पैटीज़, नगेट्स, स्प्रिंग रोल्स, बर्गर, आदि। खेड़ा जिला प्रशासन ने लॉजिस्टिक्स सहायता प्रदान की है।

नये विदेशी गंतव्यों की खोज पर जोर देते हुये एपीडा  के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथ्थू ने कहा कि एपीडा बड़े पैमाने पर वनस्पति आधारित मांस उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिये काम कर रहा है, जिसमें पारंपरिक पशु आधारित मांस निर्यात बाजार में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है।इस अवसर पर खेड़ा के जिला मजिस्ट्रेट  के.एल. बछानी ने भावी निर्यात सम्बंधी गतिविधियों के लिये एपीडा  को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।  बछानी ने कहा, “एपीडा, गुजरात के क्षेत्रीय प्रमुख के प्रयासों से यह संभव हो पाया है कि नादियाड़ से अमेरिका को वनस्पति आधारित खाद्य उत्पादों की पहली खेप रवाना की गई है।”

एपीडा ने वीगन खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है, जिसमें पैनकेक, स्नैक्स, चीज़ आदि शामिल हैं, जिन्हें आने वाले समय में ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, न्यूजीलैंड और अन्य देशों को निर्यात किया जायेगा। एपीडा, गुजरात के क्षेत्रीय प्रमुख ने कहा कि एपीडा  के निर्यात बास्केट में अधिक से अधिक वनस्पति आधारित मांस उत्पादों को जोड़ना चाहिये। वनस्पति आधारित खाद्य उत्पादों की पहली खेप को ग्रीन-नेस्ट और होलसम फूड्स ने निर्यात किया था। एपीडा ने कई निर्यात संवर्धन गतिविधियों और पहलों की शुरुआत की है। इसके लिये वर्चुअल पोर्टलों का विकास किया जा रहा है, ताकि वर्चुअल व्यापार मेलों, फार्मर कनेक्ट पोर्टल, ई-ऑफिस, हॉर्टी-नेट ट्रेसेबिलिटी प्रणाली, क्रेता-विक्रेता मुलाकात, उत्पाद सम्बंधी अभियान आदि गतिविधियां चलाई जायेंगी। एपीडा राज्य से निर्यात को प्रोत्साहित करने और अवसंरचना के निर्माण के लिये राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।

निर्यात परीक्षण और अवशेष निगरानी योजना के लिये मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन तथा उन्हें मजबूत बनाने में सहायता कर रहा है। एपीडा  कृषि उत्पादों के निर्यात को तेज करने के लिये अवसंरचना विकास, गुणवत्ता सुधार और बाजार विकास में भी सहायता दे रहा है। एपीडा अतंर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में निर्यातकों की भागीदारी भी सुनिश्चित करता है। इस तरह निर्यातकों को एक मंच मिल जाता है, जहां वे विश्व बाजार में अपने खाद्य उत्पाद उतार सकते हैं। एपीडा आहार, जैविक विश्व कांग्रेस, बायो-फैक इंडिया, आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है, ताकि कृषि-निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सके।

निर्यात किये जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता का निर्बाध प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिये एपीडा ने देशभर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है, जो निर्यातको के उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के परीक्षण की सेवायें प्रदान करती हैं।

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