शुक्रवार , अप्रेल 19 2024 | 10:07:56 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / केंद्र की पीएलआई योजना राज्यों के लिए मदद कर सकती है : राजीव चंद्रशेखर

केंद्र की पीएलआई योजना राज्यों के लिए मदद कर सकती है : राजीव चंद्रशेखर

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी एवं कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि आज चेन्नई के पास चेंगलपट्टू में पेगाट्रॉन मोबाइल निर्माण केंद्र का उद्घाटन के द्वारा नरेन्द्र मोदी जी के भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का केंद्र बनाने की परिकल्पना को पूरा करने में एक और प्रमुख उपलब्धि प्राप्त की है।

इस निर्माण केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा, “यह विनिर्माण केंद्र भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में मौजूदा 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच साझेदारी का प्रतीक है।” चेन्नई के पास चेंगलपट्टू में एक औद्योगिक पार्क में, केंद्र की लोकप्रिय उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के अंतर्गत ताइवान की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी द्वारा यह संयंत्र स्थापित किया गया है।

मंत्री ने बताया कि किस प्रकार पीएलआई योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में निवेश और रोजगार की वृद्धि में बड़ी भूमिका निभाई है और इसने कम समय में 6500 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया है और अकेले तमिलनाडु में 40,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री के चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) और पीएलआई जैसी सुनियोजित योजनाओं की सफलता की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने मोबाइल फोन विनिर्माण क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा, “वर्ष 2015-16 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात लगभग शून्य के बराबर था। लेकिन अब यह निर्यात लगभग 50,000 करोड़ रुपये तक पहुँच चुका है। इससे पहले भारत मोबाइल फोन के आयात पर बहुत अधिक निर्भर हुआ करता था। इसके विपरीत, आज भारत में उपयोग किए जाने वाले 97 प्रतिशत मोबाइल फोन घरेलू विनिर्माण द्वारा बनाए गए हैं।”

विश्व अर्थव्यवस्था पर कोविड महामारी के प्रभाव का उल्लेख करते हुए, चंद्रशेखर ने कहा, “कोविड महामारी सभी देशों के लिए समान चुनौती लेकर आई थी, लेकिन जिस तरह से भारत ने इसका मुकाबला किया, उससे हमने वैश्विक प्रभाव बनाया और सम्मान प्राप्त किया है। हम कोविड महामारी को पीछे छोडते हुए वर्ष 2026 तक एक ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” की परिकल्पना के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टीम इंडिया के रूप में राज्य और केंद्र सरकारें भागीदार हो सकती हैं।”

इस अवसर पर अपने संबोधन में, पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया के अध्यक्ष चेंग जियान जोंग ने कहा कि पेगाट्रॉन के लिए भारत में आना एक असाधारण यात्रा रही है। उन्होंने कहा, “हम भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता से अभिभूत हैं।” तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, तमिलनाडु सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री, टी.एम. अंबरसन, पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया के प्रबंध निदेशक लिन चिउ टैन के अलावा सु डेनिस याओ, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पेगाट्रॉन कॉर्पोरेशन, कुओ शिंग जंग सीईओ पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct

इस पुस्तक को ई-बुक के रूप में खरीदने हेतु कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें –

https://www.amazon.in/dp/B0BCH59SF8

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

21 पूर्व जजों ने सीजेआई को पत्र लिख न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयास का लगाया आरोप

नई दिल्ली. शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भारत के मुख्य …