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नरेंद्र मोदी ने एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का शिलान्यास

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अहमदाबाद (मा.स.स.). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का शिलान्यास करते हुए कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी  देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, टाटा सन्स के चेयरमैन,  Airbus इंटरनेशनल के चीफ कमर्शियल ऑफिसर, डिफेंस और एविएशन सेक्टर के उद्योगों के साथ जुड़े सभी साथी। अपने यहां गुजरात में तो दिवाली देव दिवाली तक चलती है, और दिवाली के इस पर्व के दौरान वड़ोदरा को, गुजरात को, देश को एक अनमोल भेट मिली है। गुजरात के लिए तो नया साल है, मैं भी नये साल में आज पहली बार गुजरात आया हूं। आप सभी को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

आज भारत को दुनिया का बड़ा Manufacturing Hub बनाने की दिशा में, हम बहुत बड़ा कदम उठा रहे हैं। भारत आज अपना फाइटर प्लेन बना रहा है। भारत आज अपना टैंक बना रहा है, अपनी सबमरीन बना रहा है। और सिर्फ इतना ही नहीं, भारत में बनी दवाइयां और वैक्सीन भी आज दुनिया में लाखों लोगों का जीवन बचा रही हैं। भारत में बने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, भारत में बने मोबाइल फोन, भारत में बनी कारें, आज कितने ही देशों में छाई हुई हैं। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द ग्लोब इस मंत्र पर आगे बढ़ता रहा भारत, आज अपने सामर्थ्य को और बढ़ा रहा है। अब भारत, ट्रांसपोर्ट प्लेन्स का भी बहुत बड़ा निर्माता बनेगा। आज भारत में इसकी शुरुआत हो रही है। और मैं वो दिन देख रहा हूं, जब दुनिया के बड़े पैसेंजर प्लेन्स भी भारत में ही बनेंगे और उन पर भी लिखा होगा- Make in India.

वड़ोदरा में जिस Facility का शिलान्यास हुआ है, वो देश के डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करने की ताकत रखता है। ये पहली बार है कि भारत के डिफेंस एरोस्पैस सेक्टर में इतना बड़ा निवेश हो रहा है। यहां बनने वाले ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हमारी सेना को तो ताकत देंगे ही, इससे Aircraft manufacturing के लिए एक नए इकोसिस्टम का भी विकास होगा। शिक्षा और संस्कृति के केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित ये हमारा वड़ोदरा  अब एविएशन सेक्टर के हब के रूप में नई पहचान लेकर के दुनिया के सामने सर ऊंचा करेगा। वैसे तो भारत पहले से ही काफी देशों में विमान के छोटे-मोटे पूर्जे, Parts निर्यात करता रहा है, लेकिन अब देश में पहली बार मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनने वाला है। मैं इसके लिए टाटा ग्रुप को और Airbus डिफेन्स कंपनी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मुझे बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट से भारत की 100 से ज्यादा MSMEs भी जुड़ेंगी। भविष्य में यहां दुनिया के दूसरे देशों के लिए एक्सपोर्ट के ऑर्डर भी लिए जा सकेंगे। यानि मेक इन इंडिया, मेक फॉर द ग्लोब का संकल्प भी इस धरती से और मजबूत होने वाला है।

भारत में, दुनिया का तेज़ी से विकसित होता एविएशन सेक्टर है। एयर ट्रैफिक के मामले में हम दुनिया के टॉप तीन देशों में पहुंचने वाले हैं। अगले 4-5 वर्षों में करोड़ों नए यात्री हवाई सफर के यात्री होने वाले हैं। उड़ान योजना से भी इसमें बहुत मदद मिल रही है। अनुमान है कि आने वाले 10-15 वर्षों में भारत को करीब-करीब 2000 से ज्यादा पैसेंजर और कार्गो एयरक्राफ्ट की जरूरत होगी। अकेले भारत को 2000 एयरक्राफ्ट की जरूरत होना यानि यही बताता है कि विकास कितनी तेजी से होने वाला है। इस बड़ी डिमांड को पूरा करने के लिए भारत अभी से तैयारी कर रहा है। आज का ये आयोजन उसी दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस आयोजन में विश्व के लिए भी एक संदेश है। आज भारत दुनिया के लिए एक Golden Opportunity लेकर आया है। कोरोना और युद्ध से बनी परिस्थितियों के बावजूद,  Supply-chain में रुकावटों के बावजूद, भारत के manufacturing sector का  growth momentum बना हुआ है। ये ऐसे ही नहीं हुआ है। आज भारत में operating conditions लगातार सुधर रही हैं। आज भारत में जोर cost competitiveness पर है, Quality पर भी है। आज भारत, Low Cost Manufacuring और High Output का अवसर दे रहा है। आज भारत के पास Skilled Manpower का बहुत बड़ा Talented Pool है। बीते आठ वर्षों में जो Reforms हमारी सरकार ने किए हैं, उन्होंने भारत में Manufacturing का एक अभूतपूर्व Environment तैयार कर दिया है। Ease of Doing Bussiness पर जितना जोर आज भारत का है, उतना पहले कभी नहीं था। Corporate tax structure को आसान बनाना हो, उसे globally competitive बनाना हो, अनेक सेक्टर्स में automatic route से 100 परसेंट FDI का रास्ता खोलना हो, डिफेंस, माइनिंग, स्पेस जैसे सेक्टर्स को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलना हो, Labour Reforms करना हो, 29 central labor laws को सिर्फ 4 codes में बदलना हो,  33 हजार से ज्यादा compliances को खत्म करना हो,  दर्जनों Taxes के जाल को खत्म करके, एक Goods and Services Tax बनाना हो, भारत में आज Economic Reforms की नई गाथा लिखी जा रही है। इन Reforms का बड़ा फायदा हमारे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को ही मिल रहा है, और क्षेत्र तो फायदा उठा ही रहे हैं।

इस सफलता के पीछे एक और बड़ी वजह है, बल्कि मैं कहूंगा कि सबसे बड़ी वजह है और वो है, माइंडसेट में बदलाव, मानसिकता में बदलाव। हमारे यहां लंबे समय से सरकारें इसी माइंडसेट से चलीं कि सब कुछ सरकार ही जानती है,  सब कुछ सरकार को ही करना चाहिए। इस माइंडसेट ने देश के टेलेंट को दबा दिया, भारत के प्राइवेट सेक्टर का सामर्थ्य बढ़ने नहीं दिया। सबका प्रयास की भावना को लेकर आगे बढ़ रहे देश ने अब पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर, दोनों को समान भावना से देखना शुरू किया है। पहले की सरकारों में माइंडसेट ऐसा भी था कि समस्याओं को टाल दिया जाए, कुछ सब्सिडी देकर manufacturing sector को जिंदा रखा जाए। इस सोच ने भी भारत के manufacturing sector का बहुत नुकसान किया। इस वजह से पहले ना ही कोई ठोस नीति बनाई गई और साथ ही, logistics, Electricity Supply- Water Supply  ऐसी जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसका परिणाम क्या हुआ, मेरे देश की युवा पीढ़ी इसको भलीभांति जान सकती है। अब आज का भारत, एक नए माइंडसेट, एक नए work-culture के साथ काम कर रहा है। हमने काम चलाऊ फैसलों का तरीका छोड़ा है और विकास के लिए, निवेशकों के लिए कई तरह के incentive लेकर आए हैं। हमने Production Linked Incentive स्कीम लॉन्च की, जिससे बदलाव दिखने लगा। आज हमारी पॉलिसी stable है, predictable है और futuristic है। हम पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान और national logistics policies के जरिए देश की लॉजिस्टिक व्यवस्था में सुधार ला रहे हैं।

पहले एक माइंडसेट ये भी था कि भारत manufacturing में बेहतर नहीं कर सकता, इसलिए उसे सिर्फ सर्विस सेक्टर पर ध्यान देना चाहिए। आज हम सर्विस सेक्टर भी संवार रहे हैं और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी समृद्ध बना रहे हैं। हम जानते हैं कि आज दुनिया में कोई भी देश सिर्फ सर्विस सेक्टर या मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विकास करके आगे नहीं बढ़ सकता। हमें विकास के holistic approach को अपनाना होगा। और आज का नया भारत उसी रास्ते पर आत्मविश्वास के साथ चल पड़ा है। पहले की सोच में एक और गलती भी थी। माइंडसेट ये था कि हमारे यहां  skilled manpower की कमी है, देश की स्किल पर भरोसा नहीं था, देश की टैलेंट पर भरोसा नहीं था और इसलिए manufacturing के क्षेत्र पर एक प्रकार से उदासीनता रही, उस पर कम ध्यान दिया गया। लेकिन आज भारत manufacturing में भी सबसे आगे रहने की तैयारी में है। सेमी-कंडक्टर से लेकर एयरक्राफ्ट तक, हम हर क्षेत्र में सबसे आगे रहने के इरादे के साथ बढ़ रहे हैं। ये इसलिए संभव हुआ, क्योंकि पिछले 8 वर्षों में हमने स्किल डवलपमेंट पर फोकस किया और उसके लिए माहौल तैयार किया। इन सारे बदलावों को आत्मसात करते हुए आज मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत की विकास यात्रा इस पड़ाव पर पहुंची है।

हमारी सरकार की investment-friendly नीतियों का फल FDI में भी दिखता है।  पिछले आठ वर्षों में 160 देशों से ज्यादा की कंपनियों ने भारत में निवेश किया है। और ऐसा भी नहीं कि ये विदेशी निवेश सिर्फ कुछ industries में ही आया हो। इसका फैलाव अर्थव्यवस्था के 60 से ज्यादा sectors को कवर करता है, 31 राज्यों के अंदर इन्वेस्टमेंट पहुंचा है।  अकेले aerospace सेक्टर में ही 3 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है। साल 2000 से 2014 तक इस सेक्टर में जितना निवेश हुआ था, उससे यानि वो 14 साल की तुलना में इन आठ वर्षों में पाँच गुना  ज्यादा निवेश हुआ है।  आने वाले वर्षों में, आत्मनिर्भर भारत अभियान के बड़े Pillars – डिफेन्स और एरोस्पैस सेक्टर होने वाले हैं। हमारा लक्ष्य है कि 2025 तक हमारी डिफेन्स manufacturing का स्केल 25 बिलियन डॉलर पार कर जाएगा। हमारे डिफेन्स एक्स्पोर्टस भी 5 बिलियन डॉलर से अधिक होंगे। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में विकसित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर से भी इस सेक्टर को स्केल-अप करने में मदद मिलेगी। वैसे मैं आज देश के रक्षा मंत्रालय और गुजरात सरकार की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं, तारीफ करता हूं। आपने देखा होगा कुछ दिन पहले उन्होंने गांधीनगर में बहुत शानदार Def-expo का आयोजन किया। Defence से जुड़े सारे equipments का वहां बहुत बड़ा कार्यक्रम हुआ, और मुझे कहते हुए खुशी हो रही है और राजनाथ जी को मैं बधाई देता हूं ये अभी तक का सबसे बड़ा Def-expo था। और इसमें सबसे बड़ी खूबी ये थी कि Def-expo में प्रदर्शित सभी उपकरण और technologies  सब के सब भारत में बने थे। यानि प्रोजेक्ट C-295 का प्रतिबिंब हमें आने वाले वर्षों के Def-expo में भी दिखाई देगा। मैं टाटा ग्रुप को और Airbus को इसके लिए भी अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।

इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं इंडस्ट्री से जुड़े साथियों से अपना एक आग्रह दोहराना चाहता हूं। और मुझे खुशी है कि अनेक क्षेत्र के सभी वरिष्ठ उद्योग जगत के साथी आज इस महत्वपूर्ण घटना के साक्षी बनने के लिए हमारे बीच पधारे हैं। देश में इस समय निवेश के लिए जो अभूतपूर्व विश्वास बना है, उसका अधिक से अधिक लाभ आप उठाएं, आप जितने aggressively  आगे बढ सकते हैं ये मौका जाने मत दीजिए। देश के जो स्टार्ट-अप्स हैं, मैं उद्योग जगत के establish जो प्लेयर्स हैं उनसे आग्रह करुंगा, देश के जो स्टार्ट-अप्स हैं हम उन्हें कैसे आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं, मैं तो चाहता हूं सब बड़ी इंडस्ट्री एक एक स्टार्ट-अप सेल अपने यहां बनाएं और देश भर में जो हमारे नए नौजवान स्टार्ट-अप में काम करते हैं, उनका अध्ययन करें और उनके काम में उनकी रिसर्च क्या मैच कर सकती है, उसका hand holding करें, आप देखिए बहुत तेजी से आप भी बढ़़ेंगे और मेरे वो नौजवान आज स्टार्ट-अप की दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम रौशन कर रहे हैं, उनकी भी ताकत अनेक गुणा बढ़ जाएगी। रिसर्च में अभी भी प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी सीमित ही है। इसको हम मिलकर बढ़ाएंगे तो इनोवेशन का, मैन्युफैक्चरिंग का और सशक्त इकोसिस्टम विकसित कर पाएंगे। सबका प्रयास का मंत्र हम सबको काम आएगा, हम सबके लिए मार्गदर्शक रहेगा और हम सब उसी राह पर चल पड़ेंगे। एक बार फिर सभी देशवासियों को इस आधुनिक एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। देश के नौजवानों के लिए अनेक नए अवसर इंतजार कर रहे हैं। मैं देश की युवा पीढ़ी को भी विशेष रूप से शुभकामनाएं देता हूं।

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