नई दिल्ली (मा.स.स.). वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की 6 दिवसीय यात्रा कर रहे। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लंदन स्थित जम्मू और कश्मीर मूल के लंदन स्थित सामाजिक समूहों और छात्रों के साथ एक विशेष परस्पर संवादात्मक बैठक की।लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लगे लोग ऐसे शामिल थे जो केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए थे और जिसमें मंत्री महोदय का अपना निजी लोकसभा क्षेत्र उधमपुर भी शामिल था। इस बैठक में लंदन में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र शाखा के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिनका मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में है। जम्मू-कश्मीर के डोगरा संगठनों के सदस्य और कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता समूहों के सदस्य भी इस बैठक में उपस्थित थेI
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कुछ निहित स्वार्थों द्वारा विशेष रूप से जम्मू- कश्मीर के संदर्भ में भारत के बारे में गढे गए नकारात्मक आख्यान को सही करने में अपना योगदान देने के लिए उन लोगों के तरीके की सराहना की जो ब्रिटेन में भारत विरोधी ताकतों को चुनौती देने के लिए भी खड़े हुए थे। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पदभार ग्रहण करने के बाद, उन्होंने अतीत की ऐसी कई विसंगतियों को ठीक करने की मांग की थी, जो 1947 से लगातार शासन कर रही सरकारों की विरासत थी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर के लोगों में देश के लिए अपनेपन की भावना पैदा हुई है और उन्हें देश के बाकी हिस्सों में अपने समकक्ष नागरिकों के बराबर अधिकार मिले हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बसे पाकिस्तानी शरणार्थियों और जम्मू-कश्मीर की उन बेटियों को जो नागरिकता और संपत्ति के अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित थे, न्याय दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को इतिहास में याद रखा जाएगा। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपनाए गए सुधारात्मक उपायों के परिणामस्वरूप, भारत का सम्मान दुनिया भर में बढ़ा है और जहां तक जम्मू और कश्मीर के बारे में भारत की स्थिति का संबंध है, तो इसमें कोई अस्पष्टता नहीं बची है कि यह राज्य भारतीय संघ का अभिन्न अंग है ।
विचार-विमर्श के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यदि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल को जम्मू-कश्मीर को उसी तरह से संभालने की अनुमति दी होती जिस तरह से वह भारत की अन्य रियासतों को संभाल रहे थे, तो आज जम्मू-कश्मीर का वह भाग जो पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाया गया है, इस समय भारत का हिस्सा होता और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) का मुद्दा कभी उठता ही नहीं। तथापि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नियंत्रण से अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओके) को वापस लेने और इसे भारत में वापस लाने के लिए एक राजनीतिक दल के रूप में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के एजेंडे में यह मुद्दा अभी भी विद्यमान है।
केंद्रीय मंत्री के साथ बातचीत करने वाले विभिन्न समूहों ने उन्हें हाल ही में भारत विरोधी शक्तियों के खिलाफ सभी भारतीय समूहों को एकजुट करने के लिए उनके द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में अद्यतन जानकारी दी। उन्होंने समय-समय पर होने वाली सेमिनारों और इंटेलेक्चुअल मीट्स के अलावा ब्रिटिश संसद में संसद के विभिन्न सदस्यों के साथ हुई अपनी बातचीत के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। मंत्री महोदय ने उन्हें सलाह दी कि अब समय आ गया है कि हम अपना आख्यान (नैरेटिव) भी तैयार करें ताकि हमारे विरोधियों द्वारा गढ़े गए झूठे नैरेटिव का बोलबाला न हो सके। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया भारत के दृष्टिकोण को सुनने के लिए तैयार है और यह संदेश कि कोई भी भारत की अखंडता और संप्रभुता को न तो चुनौती दे सकता है और न ही हानि पहुंचा सकता है, अब सभी के पास जोर-शोर से और स्पष्ट रूप से जाना चाहिए।
विभिन्न समूहों के प्रतिनिधि लंदन में मंत्री महोदय के बहुत आभारी थे कि उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बाद भी जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के साथ बैठने और उनके मूल क्षेत्रों के बारे में अपने विचार उनसे साझा करने के लिए समय निकाला। साथ ही मंत्री ने ब्रिटेन में बसे जम्मू-कश्मीर के अधिकांश लोगों द्वारा विभिन्न कार्य व्यवसायों अथवा उद्योगों में स्वयं के लिए एक सम्मानजनक स्थिति बनाने के तरीके की सराहना की और कहा कि वे लोग न केवल उस देश के विकास में योगदान दे रहे हैं जहां वे अभी बसे हुए हैं लेकिन अपनी मातृभूमि को अपनी सेवाएं देने के लिए हमेशा उत्सुक भी रहते हैं।
समूहों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनमें से कुछ पहले से ही जम्मू में मंत्री महोदय के निर्वाचन क्षेत्र के कार्यालय के संपर्क में हैं और उन्होंने कहा कि वे अपनी संस्थाओं और सहयोग को और आगे बढ़ाएंगे ताकि लंदन में रहते हुए भी वे अपने देश के नागरिकों और समुदाय के लिए निरंतर उपयोगी बने रह सकें। डॉ. जितेंद्र सिंह इस समय ब्रिटेन की 6 दिवसीय यात्रा पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं ।
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं