नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग के दौरान चेयर की तरफ कागज फाड़कर फेंकने के आरोप में आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू को बाकी बचे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सुशील कुमार रिंकू को सस्पेंड किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने चेयर का अपमान किया है. इसके बाद ‘आप’ सांसद को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया. रिंकू लोकसभा में ‘आप’ के एकमात्र सांसद हैं.
लोकसभा में ध्वनि मत से पारित हुआ दिल्ली सेवा बिल
वहीं, विधेयक के विरोध में विपक्षी सांसदों के सदन से वॉकआउट करने के बाद भी यह ध्वनि मत से पारित हो गया. इस विधेयक का नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
केजरीवाल बोले ये गुलाम बनाने वाला विधेयक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास जीएनसीटीडी (संशोधन) विधेयक, 2023 लाने के पक्ष में एक भी वाजिब तर्क नहीं है और जोर दिया कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ कभी ऐसा नहीं होने देगा. विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है.
गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा?
विधेयक पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के लंबे समय तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन समस्याएं 2015 में उस वक्त पैदा हुईं जब एक सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है.
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है. केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया, जिसने दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था.
साभार : एबीपी न्यूज़
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