नई दिल्ली. भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य-L1’ ने आज धरती की ऑर्बिट में दूसरी छलांग लगाई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने बताया कि अब स्पेसक्राफ्ट 282 km x 40225 km के ऑर्बिट में है। वह 18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार अपनी ऑर्बिट बदलेगा। धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदली जा रही है जिससे कि उसे इतनी रफ्तार मिल सके कि वह 15 लाख km लंबी यात्रा को पूरा कर सके। इस यात्रा के बाद आदित्य L1 पॉइंट पर पहुंच जाएगा, जो उसकी मंजिल है। रविवार को इसने पहली छलांग लगाई थी।
इसरो ने पहली बार संपर्क के लिए X-बैंड फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया है। इसरो के पास सैटलाइट से संपर्क के लिए दो बैंड हैं। पहला, S बैंड, जो 2-2.5 GHz फ्रीक्वेंसी पर काम करता है और दूसरा X बैंड, जो 8-8.5GHz पर काम करता है। X बैंड पृथ्वी के बाहर के मिशन से कम्युनिकेशन का सबसे सटीक बैंड है। इसकी मदद से दूर के सैटलाइट के साथ कम्यूनिकेशन करना आसान होता है। इसरो अपने नए मिशन के लिए X बैंड तकनीक की टेस्टिंग कर रहा है।
आदित्य-L1 मिशन: ISRO ने दिया अपडेट
इसरो ने तड़के 3 बजे यह अपडेट दिया कि आदित्य-L1 का दूसरा अर्थ-बाउंड मैनूवर (EBN#2) INTRAC, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में ISTRAC/ISRO के ग्राउंड स्टेशनों ने उपग्रह को ट्रैक किया। प्राप्त की गई नई कक्षा 282 किमी x 40225 किमी है। अगला मैनूवर (EBN#3) 10 सितंबर, 2023 को लगभग 02:30 बजे के लिए निर्धारित है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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