अगरतला (मा.स.स.). पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (एनएमपी) की 49वीं नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की बैठक में त्रिपुरा में एक सड़क मार्ग परियोजना की सिफारिश की गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के लॉजिस्टिक प्रभाग की विशेष सचिव सुसुमिता डावरा ने कल नई दिल्ली में एनपीजी की बैठक की अध्यक्षता की।
कुल 134.9 किलोमीटर की लंबाई वाले खोवाई-तेलियामुरा-हरिना के सड़क खंड को त्रिपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग-208 के पेव्ड शोल्डर के साथ इसके सुधार और दो लेन तक चौड़ा करने पर विचार किया गया। इस ब्राउनफील्ड परियोजना की कुल लागत 2,486 करोड़ रुपये है। इसकी योजना मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी औद्योगिक समूहों और नए विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) अर्थात् पश्चिम जलेफा से कनेक्टिविटी; माल ढुलाई; कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने; अनुकूलित संरेखण और लॉजिस्टिक दक्षता के दृष्टिकोण के साथ बनाई गई है।
यह परियोजना सड़क खोवाई, गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों से होकर गुजरती है, जो त्रिपुरा में खोवाई, तेलियामुरा, ट्विडू, अमरपुर, करबुक और हरिना जैसे स्थानों को जोड़ती है। इससे न केवल असम और त्रिपुरा के बीच अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि त्रिपुरा में आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी वृद्धि होगी। नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनएमपी) पर योजना से निम्नलिखित प्रमुख लाभ –
लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि : एनएमपी का उपयोग करके, सड़क की लंबाई 28 किमी (162 कि.मी से 134 कि.मी) तक कम हो गई। यात्रा समय में 2.5 घंटे की कमी आई।
उन्नत मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी : यह परियोजना हरिना के पास तेलिमौरा रेलवे स्टेशन और मनु बाजार रेलवे स्टेशन से इंटरमॉडल परिवहन की सुविधा प्रदान करती है। प्रस्तावित सड़क अगरतला में हवाई अड्डे और उदयपुर में प्रस्तावित मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) से कनेक्टिविटी में सुधार करती है।
क्षेत्रीय संपर्क : यह गलियारा बांग्लादेश सीमा के बहुत करीब है और यह कैलाशहर, कमलपुर और खोवाई सीमा चेक पोस्ट के जरिए बांग्लादेश को जोड़ेगा।
आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों से कनेक्टिविटी : 4 आर्थिक क्षेत्र – जैसे अगरतला के आसपास औद्योगिक क्लस्टर, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), डिपो आदि और 13 सामाजिक क्षेत्र जैसे माताबारी मंदिर, नीर महल, पिलक सभ्यता संग्रहालय, जम्पुई हिल्स, अंबासा इको पार्क से कनेक्टिविटी को बढावा मिलेगा।
कोलकाता से पूर्वोत्तर राज्यों (मुख्य रूप से त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर) से बांग्लादेश तक माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करता है।
उद्योग और निर्यात संवर्धन को बढ़ावा : इससे विशेष आर्थिक क्षेत्र पश्चिम जलेफा, दक्षिण त्रिपुरा जिले के सबरूम और अगरतला और उदयपुर के आसपास के औद्योगिक समूहों/पार्कों से निर्मित वस्तुओं रबर, कपड़ा, बांस, खाद्य प्रसंस्करण वस्तुओं की आवाजाही की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रस्तावित सड़क पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश में चटगांव बंदरगाह से जोड़ेगी। इससे एक्जिम कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
जनजातीय क्षेत्र में विकास : परियोजना 3 जनजातीय जिलों – खोवाई जिला, गोमती जिला, दक्षिण त्रिपुरा जिला से संपर्क बढ़ाती है। यह परियोजना जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) की आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) ऋण के तहत इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) आधार पर है। सड़क संरेखण की योजना के दौरान पीएम गतिशक्ति एनएमपी के सिद्धांतों को अपनाया गया है। एनएमपी पोर्टल पर उपलब्ध डेटा लेयर्स जैसे रेलवे लाइन, जंगल, बिजली लाइन, जल निकायों आदि के साथ सड़क का संरेखण किया गया है। पर्यावरणीय व्यवधानों को न्यूनतम करने के लिए वन और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के साथ चौराहों का निर्माण किया जाएगा।
पीएम गतिशक्ति के संस्थागत तंत्र ने एकीकृत योजना और निर्णय लेने के लिए एनपीजी बैठक के माध्यम से अंतर-मंत्रालयी परामर्श की सुविधा प्रदान की। 49वीं एनपीजी बैठक में परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। इसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, पत्तन, पोत नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, दूरसंचार विभाग (डीओटी), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय सहित बुनियादी ढांचा मंत्रालयों/विभागों के अतिरिक्त और नीति आयोग और त्रिपुरा राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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