पटना. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाईटेड (JDU) ने 17-17 और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अब जदयू फिलहाल भाजपा के साथ नहीं है, लेकिन भाजपा अब भी वही छह सीटें लोजपा को देना चाहती है। स्पष्ट हो लें- लोजपा को। दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी अब दो टुकड़ों में है, लेकिन उसे 6 सीटों पर ही तैयार करने का प्रयास चल रहा है। जमुई के सांसद चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की एक यह भी शर्त है, जिसके कारण अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से भी उनकी डील अब जरूरी है।
चाचा-भतीजा के बीच समझौता भाजपा के लिए जरूरी
भाजपा को आगे की राजनीतिक लड़ाई के लिए दिवंगत रामविलास पासवान के परिवार की लड़ाई को खत्म करना जरूरी हो गया है। पार्टी ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को भी सहज होने कहा है, जबकि दूसरी ओर सांसद चिराग पासवान को भी साथ आने के पहले पारिवारिक समझौता करने की सलाह दी गई है। दोनों पक्षों को एक साथ करने के बाद भाजपा छह सीटों के लिए डील को भी फाइनल करेगी। दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक से पहले इस डील को फाइनल कर लिया जाना है, ताकि सीटों को लेकर कोई संशय नहीं रहे। फिलहाल चर्चा है कि चिराग अपने लिए छह सीटें कह रहे हैं, जबकि भाजपा मूल लोजपा को उसकी पुरानी हिस्सेदारी को लेकर डील कर रही है। भाजपा की इस सोच के पीछे दो वजहें साफ हैं- 1. वह लोजपा के लिए उतनी ही सीट रखेगी, जितनी पिछली बार थी, और 2. लोजपा के दो टुकड़े होने के कारण भेदभाव का असर लोकसभा चुनाव के वोट बैंक पर नहीं पड़े।
चिराग की केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पक्की
‘अमर उजाला’ ने 13 जून को अपनी स्टोरी में साफ-साफ जिक्र किया था कि महागठबंधन के लिए मुसीबत बने बिहार के तीन दलों के सूरमा एनडीए की ओर हाथ बढ़ाएंगे। जीतन राम मांझी एनडीए में आ चुके हैं। अब बारी लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान की बारी है। मौका लगते ही विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुकेश सहनी भी इसी रास्ते पर बढ़ेंगे। चिराग और सहनी पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) भी डोरे डालती रही है, लेकिन इनका झुकाव एनडीए की ओर साफ-साफ दिखने लगा है। रविवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने चिराग से पटना में भेंट की। नित्यानंद राय ने इसे आत्मीय-निजी मुलाकात कहा, जबकि यह बात भी आ रही कि वह एनडीए की अगली बैठक में दिल्ली में रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस माह संभावित विस्तार में चिराग की जगह पक्की हो गई है, अब सिर्फ मंत्रालय का फाइनल होना बाकी है। इससे पहले सीटों को लेकर लोजपा के दोनों टुकड़ों को साथ मिलना है।
साभार : अमर उजाला
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