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सांसद जयाप्रदा को हुई 6 महीने की सजा और लगा 5 हजार रुपए का जुर्माना

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लखनऊ. एक्ट्रेस से पॉलिटिशियन बनीं जयाप्रदा को चेन्नई की एक कोर्ट ने 6 महीने की सजा सुनाई है। मामला रोयापेट्‌टा स्थित उनके ही एक थिएटर का है, जहां के कर्मचारियों ने उनके खिलाफ याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने इस संबंध में जयाप्रदा पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

ESI ना मिलने पर कर्मचारियों ने किया कोर्ट का रुख
एक रिपोर्ट के मुताबिक जया के इस थिएटर की देखभाल उनके बिजनेस पार्टनर राम कुमार और राजा बाबू करते थे। उनके मैनेजमेंट में थिएटर अपने कर्मचारियों को ESI (कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम) नहीं दे पाया था, जिसके चलते सभी कर्मचारियों ने कोर्ट का रुख किया।

जया ने कोर्ट से की थी मामला खारिज करने की अपील
हालांकि, जयाप्रदा ने अदालत से इस मामले को खारिज करने की अपील करते हुए अपने कर्मचारियों को पूरी रकम देने का वादा किया था लेकिन लेबर गवर्नमेंट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के वकील ने उनकी अपील पर आपत्ति जताई। अब इस मामले में जयाप्रदा और उनके इस थिएटर से जुड़े तीन अन्य लोगों को छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई। सभी को 5,000 रुपए का जुर्माना भी भरने को कहा गया है। हालांकि, अभी तक इस मामले में जयाप्रदा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस पर अपडेट आना अभी बाकी है।

फीमेल सुपरस्टार श्रीदेवी की कॉम्पिटीटर थीं जया
70 और 80 के दशक में जया बॉलीवुड और तेलुगु सिनेमा की आईकॉनिक स्टार थीं। इंडस्ट्री में उनकी तुलना श्रीदेवी जैसी फीमेल सुपरस्टार से की जाती थी। दोनों एक-दूसरे के कॉम्पिटीटर थे। बॉलीवुड में जया ने तोहफा, शराबी, आखिरी रास्ता, आज का अर्जुन और थानेदार समेत कई हिट फिल्में दीं। 1994 में पॉलिटिक्स जॉइन करने के लिए उन्होंने फिल्में छोड़ दी थीं।

रामपुर से दो बार जीतीं और दो बार हारीं जया
जयाप्रदा समाजवादी पार्टी की ओर से लोकसभा में दो बार रामपुर का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। 2004 और 2009 में वे रामपुर सीट से सांसद चुनी गई थीं। इसके बाद 2014 और 2019 में उन्होंने फिर से रामपुर सीट से चुनाव लड़ा था पर दोनों बार उन्हें हार मिली।

1994 में शुरू हुआ था पॉलिटिकल करियर
जया ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत 1994 में तेलुगम देशम पार्टी से की थी। 1996 में वे आंध्र प्रदेश से पहली बार राज्यसभा के लिए चुनी गईं। इसके बाद 2004 में उन्होंने समाजवादी पार्टी को जॉइन किया। इसके बाद राष्ट्रीय लोकदल और फिर बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं।

साभार : दैनिक भास्कर

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