नई दिल्ली. भारत ने चीन के साथ होने वाले स्टील कारोबार (Steel Business) को लेकर बड़ा फैसला ले लिया है. भारत ने कुछ चीनी स्टील पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग शुल्क (anti-dumping duty) लगा दिया है. सरकारी अधिसूचना से इस बारे में जानकारी मिली है. भारत ने सोमवार को 5 साल के लिए एंटी इंपिंग शुल्क लगाया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इस्पात सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने इस बारे में जानकारी दी है.
हो रही थी निगरानी
भारत के इस्पात सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने 4 सितंबर को बताया था कि वह स्टील इंडस्ट्रीज ने चीनी विक्रेताओं द्वारा संभावित डंपिंग पर चिंता जताए जाने के बाद दिल्ली इस्पात आयात की निगरानी कर रहे थे. चीन मुख्य रूप से भारतीय बाजार में कोल्ड-रोल्ड कॉइल या शीट का निर्यात करता है.
रॉयटर्स से मिली है जानकारी
रॉयटर्स के मुताबिक, अप्रैल और जुलाई के बीच चीन-भारत में स्टील आयात में पिछले साल की समान समय सीमा की तुलना में 62 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. इस बीच भारत सरकार ने बड़ा कदम उठा लिया है. चीन ने दक्षिण कोरिया को पछाड़कर भारत का सबसे बड़ा इस्पात निर्यातक बनने के लिए 0.6 मिलियन मीट्रिक टन की बिक्री की है.
चीन दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश
इस अवधि के दौरान, भारत का इस्पात आयात 2020 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया जो 23 फीसदी बढ़कर 2 मिलियन मीट्रिक टन हो गया.
बता दें दक्षिण कोरिया के बाद में चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश था.
अन्य देश भी बना रहे ये प्लान
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ नए व्यापार टैरिफ तैयार करने के लिए बातचीत कर रहे हैं जो विशेष रूप से चीन से अतिरिक्त इस्पात उत्पादन को लक्षित करेंगे.
साभार : जी न्यूज़
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