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नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 4 की मौत, कई गंभीर

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पटना. बिहार में दिल्ली से गुवाहाटी जा रही नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस (12506) बुधवार की रात हादसे का शिकार हो गई। ट्रेन की सभी 21 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें एसी-3 टियर की दो बोगियां पलट गईं। इस हादसे में 4 यात्रियों की मौत हुई है, जिनमें दो पुरूष, मां और बेटी (8) शामिल हैं। हादसे के दूसरे दिन भी दिल्ली-हावड़ा रेल रूट ठप है। ट्रैक पर नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस की 21 बोगियां बिखरीं पड़ी हैं। इसे क्लियर करने में 300 से ज्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं। इधर, 10 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। 21 डायवर्ट हैं।

यह हादसा बुधवार रात 9:35 बजे बक्सर-आरा के बीच रघुनाथपुर स्टेशन के पास हुआ। ट्रेन में सवार 100 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं। इनमें 15 से 20 लोगों गंभीर हैं। रात को ही 10 घायलों को एम्स पटना भेजा गया है। अन्य घायलों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है। ट्रैक टूटने से ट्रेन के डिरेल होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे के बाद पटरी दो फीट तक फट गई। उधर ट्रेन के गार्ड ने बताया कि दुर्घटना के वक्त ट्रेन करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। एकदम से ब्रेक लगा और ट्रेन डिरेल हो गई। बताया जा रहा है कि पोल संख्या 629/8 के पास कर्व था। यहां से ट्रेन की चार बोगी निकल गईं। फिर एक-एक कर सभी बोगियां डिरेल होती चली गईं। इस ट्रेन के आने से आधा घंटे पहले एक पैसेंजर ट्रेन (03210) इसी ट्रैक से गुजरी थी।

रेल हादसा अपडेट्स

  • पीएमओ ने नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख जताया है।
  • सीएम नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की बात कही।
  • रेलवे ने हादसे में मरने वालों के परिवार को 10-10 लाख की मदद दी है। घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए गए हैं।
  • 10 घायलों को पटना AIIMS में भर्ती कराया गया है। इनमें 3 को सीरियस इंजरी है, जबकि 7 लोगों को हल्की चोट लगी है।
  • हादसे के बाद जे पी नड्डा के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मौके पर पहुंचे।

हादसे के बाद ग्रामीणों ने सबसे पहले रेस्क्यू शुरू किया
ट्रेन डिरेल होने के बाद मौके पर सबसे पहले आसपास के ग्रामीण पहुंचे और यात्रियों को निकालना शुरू कर दिया। अंधेरा होने के कारण लोगों को ढूंढने में काफी दिक्कत हुई। कोच में फंसे लोगों को टॉर्च की मदद से निकाला गया। एक घंटे बाद प्रशासन की टीम पहुंची, तब तक ग्रामीणों ने जनरेटर की व्यवस्था की गई। उसके बाद रेस्क्यू तेज हुआ।

रात डेढ़ बजे तक NDRF और SDRF की टीम के साथ पटना से रेलवे की बचाव टीम पहुंचीं। बोगियों से घायलों को निकालकर अस्पतालों में भेजा गया। पटना से दो ट्रेनों को मौके पर भेजा गया। इन ट्रेनों के जरिए हादसे के बाद फंसे यात्रियों को भेजा गया। अब ट्रैक पर गिरी बोगियों को हटाने का काम चल रहा है।

साभार : दैनिक भास्कर

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