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इजरायल ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ प्रयोग किया एरो-3 मिसाइल इंटरसेप्टर

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गाजा. इजरायल-हमास युद्ध में युद्ध विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र के लगातार प्रयास के बीच इजरायल ने एक स्पष्ट बयान जारी किया है। दरअसल, इजराइल ने पुष्टि की कि उसने ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपने परिष्कृत एरो-3 मिसाइल इंटरसेप्टर का इस्तेमाल किया था। मालूम हो कि इजरायल ने अपनी तैनाती के बाद पहली बार इस मिसाइल का इस्तेमाल किया है। इजरायली सेना ने घोषणा की कि उसके हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर ने लाल सागर से इजरायल की ओर आ रहे एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक रोका और उसे नष्ट कर दिया।

शेयर किया मिसाइल लॉन्च का पोस्ट

मिसाइल लॉन्च को लेकर इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “एरो 3 सिस्टम का पहला सफल ऑपरेशनल इंटरसेप्शन: इजरायली एयर डिफेंस एरे के सैनिकों ने आज शाम एरो 3 इंटरसेप्टर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिससे लाल सागर क्षेत्र में इजरायल की ओर लॉन्च किए गए एक लक्ष्य को प्रभावी ढंग से रोका गया।” इजरायल रक्षा बलों ने एक बयान में कहा कि यह 2017 में अपनी तैनाती के बाद से एरो 3 का यह पहला परिचालन अवरोधन (First Operational Interception) था।

क्या है एरो 3 इंटरसेप्टर? (Arrow 3 Interceptor)

एरो 3 (Arrow 3) मिसाइल दुनिया की सबसे उन्नत वायु और मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है। इस खास तौर पर लंबी दूरी की बाहरी वायुमंडलीय बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए तैयार किया गया है। इस मिसाइल का निर्माण इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा किया गया है। यह प्रणाली इजरायली मिसाइल रक्षा संगठन और अमेरिकी मिसाइल रक्षा एजेंसी के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास का परिणाम है। अरबों डॉलर की एरो समूह की मिसाइलों को ईरान से हमले के खतरे को रोकने के लिए विकसित किया गया था। हाइपरसोनिक एरो 3 मिसाइल पुराने एरो 2 की तुलना में काफी तेज और अधिक ऊंचाई तक जाने की क्षमता रखता है।

हमले को रोकने का किया आह्वान

जारी युद्ध के बीच, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल से आह्वान किया है कि वह गाजा की महिलाओं और शिशुओं को मारना बंद करें। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने गाजा में इजरायल द्वारा उच्च प्रभाव वाले विस्फोटक हथियारों के उपयोग की जांच का आह्वान किया। इन हथियारों को लेकर उनका कहना है कि यह घिरे फलस्तीनी क्षेत्र में अंधाधुंध विनाश का कारण बन रहे हैं।”

हूती ने ली इजरायल पर हुए मिसाइल हमले की जिम्मेदारी

यमन के हौथी विद्रोहियों ने इलियट में सैन्य ठिकानों सहित संवेदनशील क्षेत्रों को निशाना बनाकर इजरायल की ओर बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की जिम्मेदारी ली है। इसी के बाद एरो 3 को इजरायली बलों द्वारा सफल घोषित किया गया, जिससे लक्ष्य को इजरायली क्षेत्र तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया गया। गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष बढ़ गया है। इसी बीच, हूती एक और संभावित खतरा बन गया है। हौथी सैन्य प्रवक्ता याह्या साड़ी ने कहा कि उनके सशस्त्र बलों ने इजरायल में कई संवेदनशील इलाकों को निशाना बनाते हुए लगातार सफलतापूर्वक बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार शुरू की।

फलस्तीनी के खिलाफ अपराध के लिए इजरायल जिम्मेदार?

फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि फलस्तीनी एक नरसंहार युद्ध का सामना कर रहे हैं और उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका से इजरायली आक्रामकता को समाप्त करने का आह्वान किया। सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देशों ने शनिवार को गाजा में सैन्य अभियानों को तत्काल रोकने का आह्वान किया। वहीं, रियाद में एक संयुक्त इस्लामी-अरब शिखर सम्मेलन में घोषणा की कि फलस्तीनियों के खिलाफ अपराधों के लिए इजरायल ही जिम्मेदार है। फलस्तीनी अधिकारियों ने कहा, “गाजा शहर के भीड़भाड़ वाले अस्पतालों के पास रात लड़ाई तेज हो गई।”

गाजा पर होगा किसका शासन?

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका देश गाजा पर फिर से कब्जा करने की योजना नहीं बना रहा। पीएम नेतन्याहू ने कहा, “हम गाजा पर शासन नहीं करना चाहते हैं, हम इस पर कब्जा नहीं करना चाहते हैं, बल्कि हम इसे और हमें एक बेहतर भविष्य देना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि इजरायल को एक नागरिक सरकार ढूंढनी होगी, जो वहां होगी।

जारी हुए मरने वालों के संशोधिक आंकड़ें

इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, 7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों द्वारा अचानक किए गए आक्रमण में 1,200 लोग मारे गए और 239 लोगों को बंधक बना लिया गया था। हालांकि, अब तक मरने वालों का आंकड़ा 1400 माना जा रहा था, लेकिन आंकड़ों को संशोधित कर के पेश किया गया।

अब तक 11 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत

इजरायल ने कसम खाई है कि वह हमास को जड़ से खत्म करने के बाद ही युद्ध रोकेगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इजरायल ने हवाई और जमीनी अभियान शुरू किया। हमास स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस हमले में 11,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और अब भी हजारों लोग घायल हो गए हैं।

साभार : दैनिक जागरण

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