नई दिल्ली. तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत को विश्लेषक अगले साल की शुरुआत में होने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं. आर्थिक जगत में भी यही अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा की सत्ता में वापसी तय है. इसलिए नीतियों में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा. यदि ऐसा हुआ तो लांग टर्म ग्रोथ में रुकावट आने की आशंका खत्म हो जाएगी. फिच रेटिंग्स ने भी इसी बात को दोहराया है.
सुधार नीतियों पर पड़ सकता है प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फिच रेटिंग्स के अनुसार, अप्रैल-मई में होने वाले चुनावों के मद्देनजर हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन फिर से सरकार बनाएगा. यही प्रशासन आगे भी देश का नेतृत्व करेगा. इसलिए नीतिगत बदलाव की कोई खास आशंका नहीं है. हालांकि, वह कितनी मजबूती से सत्ता में आते हैं. इसका असर सरकार की सुधार नीतियों पर पड़ सकता है. भाजपा ने हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव जीते हैं. इन नतीजों के बाद बाजार में जबरदस्त उछाल देखी गई थी.
नोमूरा ने भी जीत का लगाया था अनुमान
हाल ही में नोमूरा ने भी बीजेपी की जीत का अनुमान लगाया था. उसका कहना था कि निवेशकों के मन से चुनाव पूर्व शंका लगभग खत्म हो चुकी है. नोमूरा ने कहा था कि नतीजे देखकर लग रहा है कि जनता में नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के प्रति भरोसा अभी भी कायम है. आम चुनाव में भाजपा की स्पष्ट जीत होती दिखाई दे रही है.
बांग्लादेश में भी बदलाव की आशंका नहीं
एमके ग्लोबल की लीड इकोनॉमिस्ट माधवी अरोड़ा के अनुसार, भाजपा का सत्ता में लौटना न सिर्फ लांग टर्म ग्रोथ बल्कि नीतियों की निरंतरता भी सुनिश्चित करेगा. तीन राज्यों के चुनाव नतीजों ने इसके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. फिच ने कहा कि एशिया में राजनीतिक रूप से ज्यादा उठापटक होती नहीं दिखाई दे रही. हमारा अनुमान है कि बांग्लादेश में भी वर्तमान सरकार ही जनवरी में होने वाले चुनावों के बाद सत्ता में लौट सकती है.
साभार : एबीपी न्यूज़
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