लखनऊ. दिल्ली की तरह अब आगरा में भी यमुना अपना रौद्र रूप दिखाने की तैयारी में है. यहां यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. आलम यह है कि जब दिल्ली से पानी छोड़ा जाता है तो आगरा में लोगों की धड़कन बढ़ जाती है. यमुना अपने प्रबल वेग के साथ बह रही है और अपने रास्ते में आनेवाली हर चीज को साथ बहा ले जा रही है.
बढ़ते यमुना के जलस्तर से आगरा का ताजगंज श्मशान घाट जलमग्न हो गया है. जिस जगह पर शव के दाह संस्कार की प्रक्रिया होती थी, उस जगह पर पानी भर गया है. ताजगंज शमशान घाट में चार चिमनियां हैं. इन पर शव के दाह संस्कार होते हैं. ये चिमनियां पूरी तरीके से पानी में डूब चुकी हैं. अब लोग शवों का दाह संस्कार ऊंची जगहों पर कर रहे हैं.
ओखला बैराज से छोड़ा जा रहा पानी
ओखला बैराज से लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा जाएगा, जो 24 घंटे में आगरा तक पहुंच जाएगा. पहले से ही यमुना नदी अपने उफान पर है. अगर यह पानी हथिनी कुंड और ओखला बैराज से छोड़ा गया तो मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. प्रशासन के अनुसार अभी यमुना 492 फीट पर बह रही है. अगर यह आंकड़ा 508 फीट को छूता है, तो ये खतरे के निशान से ऊपर माना जाएगा. हालांकि लोकल प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है और निचले इलाके में जो लोग रह रहे हैं. उन्हें सतर्क रहने के साथ-साथ घर खाली करने के भी निर्देश दिए हैं.
मौसम विभाग का अलर्ट
श्मशान घाट पर मौजूद लोगों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने 2010 में श्मशान घाट पर ऐसा यमुना का पानी देखा था. हालांकि 1978 में आगरा में बाढ़ आई थी. तब बेलनगंज समेत पुराने आगरा में पानी भर गया था. ऐसी स्थिति न हो इसलिए प्रशासन को अलर्ट रहने की जरूरत है. साथ ही मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 24 घंटों में आगरा शहर में बारिश हो सकती है. अगर ऐसे में बारिश हुई तो स्थितियां और खराब होंगी. इसलिए प्रशासन को अलर्ट मोड में रखा गया है. दिल्ली समेत यूपी के कई इलाकों में इस समय बाढ़ का प्रकोप है. यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं.
साभार : न्यूज़18
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं