जयपुर. राजस्थान की सत्ता में 5 साल बाद पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज प्रदेश में नई सरकार का गठन कर लिया है. बीजेपी विधायक भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ-साथ दिया कुमारी (Diya Kumari) और प्रेम चंद बैरवा (Premchand Bairwa) उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह राजधानी जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के बाहर 1:04 मिनट पर शुरू हुआ जो करीब 19 मिनट तक चला. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित 16 केंद्रीय मंत्री, 17 मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए.
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के शपथ ग्रहण के बाद पहला बड़ा प्रशासनिक बदलाव हो गया है. यह बदलाव मुख्यमंत्री के सचिव स्तर के अधिकारियों में हुआ है. IAS टी रविकांत राजस्थान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के प्रमुख सचिव बनाए गए हैं. इसके अलावा IAS अफसर आनंदी और सौम्या झा को मुख्यमंत्री राजस्थान का सचिव और संयुक्त सचिव बनाया गया है. इन तीनों अधिकारियों के लिए पदस्थापन की चिट्ठी राजस्थान के कर्मिक विभाग की ओर से जारी कर दी गई है. टी. रविकांत वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा विभाग राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव थे. जबकि आईएएस अफसर आनंदी सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग राजस्थान में शासन सचिव थीं. मुख्यमंत्री राजस्थान के संयुक्त सचिव बनाए गए सौम्या झा अभी राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य परिचालन प्रबंधक के पद पर नियुक्त थे. कर्मिक विभाग की ओर से जारी चिट्ठी में इन तीनों अफसरों के पदस्थापन को तुरंत प्रभाव में लेने की बात कही गई है. राज्यपाल कलराज मिश्र के आदेश वाली चिट्ठी जारी कर दी गई है.
1998 बैच के हैं टी. रविकांत, आनंदी 2007 तो सौम्या 2017 बैच के
इसके तहत 1998 बैच के आईएएस अधिकारी टी. रविकांत को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि 2007 बैच की आईएएस अधिकारी आनंदी को मुख्यमंत्री का सचिव और आईएएस अधिकारी डॉ सौम्या झा (2017 बैच) को संयुक्त सचिव बनाया गया है. कार्मिक विभाग ने शुक्रवार दोपहर इस आशय का आदेश जारी किया। विभाग का कहना है कि इन अधिकारियों का पदस्थापन अस्थायी तौर पर किया गया है और ये अपने अपने वर्तमान पद का कार्य भी देखते रहेंगे.
साभार : एनडीटीवी
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं