शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 06:49:53 AM
Breaking News
Home / राज्य / दिल्ली / मैं छह महीने से अरविंद केजरीवाल के निमंत्रण का इंतजार कर रहा हूं : हिमंत बिस्वा सरमा

मैं छह महीने से अरविंद केजरीवाल के निमंत्रण का इंतजार कर रहा हूं : हिमंत बिस्वा सरमा

Follow us on:

गुवाहाटी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि मैं छह महीने से निमंत्रण का इंतजार कर रहा हूं। लेकिन अभी तक मेरे पास दिल्ली घुमाने वाला उनका निमंत्रण नहीं आया है। सरमा ने कहा कि आज भी अगर केजरीवाल मुझे निमंत्रण भेज देते हैं तो मैं उनके घर मिलने चले जाऊंगा।

सब्जियों वाले बयान पर घिरे हिमंत बिस्वा सरमा

बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा शुक्रवार से लगातार सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम सब्जी विक्रेता सब्जियों की कीमतें बढ़ा रहे हैं और अगर “असमिया लोग” सब्जियां बेचते, तो वे कभी भी “अपने असमिया लोगों” से अधिक शुल्क नहीं लेते।

गांवों में सब्जियों की कीमत कम है

स्थानीय भाषा में ‘मिया’ का तात्पर्य बंगाली भाषी मुसलमानों से है जो असम में रहते हैं लेकिन माना जाता है कि वे मूल रूप से बांग्लादेश से आए हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, मिया व्यापारी गुवाहाटी में असमिया लोगों से सब्जियों की ऊंची कीमत वसूल रहे हैं, जबकि गांवों में सब्जियों की कीमत कम है। अगर आज असमिया व्यापारी सब्जियां बेच रहे होते, तो वे कभी भी अपने असमिया लोगों से अधिक शुल्क नहीं लेते।

असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार

सरमा के विवादित बयान पर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि देश में एक ऐसी मंडली (समूह) है जो अपने घर में भैंस के दूध न देने या मुर्गी के अंडे न देने पर भी मिया जी को दोष देगी। शायद वे अपनी ‘निजी’ नाकामियों का ठीकरा भी मिया भाई पर फोड़ते हैं। AIMIM प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम और विदेशी मुसलमानों के बीच गहरी दोस्ती चल रही है। उनसे टमाटर, पालक, आलू आदि मांग कर काम चलायें।

भाजपाई दूसरों में दोष ढूंढ़ते हैं

वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सब्जियों की महंगाई के लिए एक समुदाय को जिम्मेदार ठहराना संकीर्ण सोच का अति निंदनीय प्रदर्शन है। अखि‍लेश ने कहा कि भाजपाई अपनी सरकार की कमियों के लिए दूसरों में दोष ढूंढ़ते हैं। बंटवारे की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती, एक दिन बांटने वाले ही बंट जाते हैं।

साभार : दैनिक जागरण

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार ने लागू किया वर्क फ्रॉम होम

नई दिल्ली. प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम …