नई दिल्ली. आरबीआई (RBI) ने मार्केट बाजार से 500 रुपये के नोट गायब होने की खबरों का खंडन किया है। केंद्रीय बैंक ने इस पर स्पष्टीकरण जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट में एक आरटीआई रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया था कि बड़ी संख्या में 500 रुपये के नोट इकॉनमी से गायब हैं। इनकी कीमत 88,032.50 करोड़ रुपये बताई जा रही थी। लेकिन केंद्रीय बैंक ने एक रिलीज में बताया कि आरटीआई से मिली सूचना की गलत व्याख्या के कारण हुआ है।
आरबीआई ने कहा की आरटीआई के तहत देश की तीन प्रिंटिंग प्रेस से 500 रुपये के नोटों को लेकर जो जानकारी दी गई, उसका अर्थ गलत निकाला गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस से आरबीआई को दिए जाने वाले एक-एक नोट की गिनती होती है। इसके लिए एक मजबूत व्यवस्था है। आरबीआई ने साथ ही लोगों को सलाह दी है कि वे इस तरह के मामलों में केवल केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई जानकारी पर ही भरोसा करें।
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आई थी कि आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने कुछ सवाल पूछे थे। इसके जवाब में कहा गया था कि नए डिजाइन वाले 500 रुपये के लाखों नोट गायब हुए हैं। उनकी वैल्यू 88,032.5 करोड़ रुपये है। दावा किया गया था कि देश के तीन प्रिंटिंग प्रेस ने नए डिजाइन वाले 500 रुपये के 8810.65 मिलियन नोट छापे, लेकिन रिजर्व बैंक को इनमें से 7260 मिलियन नोट ही मिले। कुल मिलाकर 500 रुपये के 1760.65 मिलियन नोट गायब हुए, जिनकी वैल्यू 88,032.5 करोड़ रुपये है। आरबीआई की प्रिंटिंग प्रेस बेंगलुरु, देवास और नासिक में है।
आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई ने कहा कि आरबीआई को इस बात की जानकारी मिली है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में जो 500 रुपये के नोट सिस्टम से गायब होने की खबर चल रही है। यह पूरी तरह गलत है। प्रिटिंग प्रेस से मिली जानकारी को गलत तरीके से समझा गया है। ये जानना जरूरी है कि जो भी नोट प्रिंटिंग प्रेस में छपते हैं वो पूरी तरह सिक्योर होते हैं। आरबीआई की ओर से पूरे प्रोटोकॉल के साथ इन बैंक नोट्स के प्रोडक्शन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन की मॉनिटरिंग की जाती है और इसके लिए मजबूत सिस्टम बना हुआ है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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