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राहुल गांधी, स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी से लड़ेंगे चुनाव : अजय राय

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लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. अगले साल की शुरुआत में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जोड़ गणित बनने लगा है. इसी बीच कांग्रेस से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि राहुल गांधी अमेठी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था और स्मृति ईरानी ने यहां से जीत हासिल की थी.

जानें किसने किया दावा
यूपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को ये बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अमेठी से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. पिछली बार राहुल ने अमेठी और केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा था. अमेठी में उन्हें हार मिली थी लेकिन वायनाड में उनकी भारी जीत हुई थी.

लोकसभा सदस्यता हुई है बहाल
विपक्षी दलों ने इंडिया नामक गठबंधन बनाया है. तब से अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ सकती हैं और रायबरेली से भी उनके परिवार का कोई चुनाव लड़ सकता है. बता दें कि अमेठी और रायबरेली दोनों सटी हुई लोकसभा सीट हैं जिन्हें लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. रायबरेली से सोनिया गांधी से अभी मौजूदा सांसद हैं. हाल ही में मोदी सरनेम मामले में गुजरात की एक अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और फिर से राहुल की वायनाड से लोकसभा सदस्य के रूप में सदस्यता बहाल हो गई है.

अब जानिए कौन हैं अजय राय
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने यूपी में बड़ा फेरबदल किया है. अजय राय को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है. वह दो बार वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्र जारी कर उनके नाम की घोषणा की. अजय राय के कंधों पर डूबती कांग्रेस को उबारने की जिम्मेदारी है.

सियासी जानकर बताते हैं कि काशी संसदीय सीट से अजय राय ने पीएम मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह चुनाव हार गए थे.
लेकिन, उन्होंने अपनी संघर्ष क्षमता का लोहा मनवाया था. अब कांग्रेस ने ऐसे समय में अजय को कमान सौंपी है, जब कांग्रेस की यूपी में हालत पतली है.

राय से पहले एक दलित चेहरे बृजलाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. वह बसपा से कांग्रेस में आए थे. उनके ऊपर दलितों को जोड़ने की जिम्मेदारी थी. लेकिन, वह पार्टी के सामने खरा नहीं उतर सके. राजनीतिक जानकर बताते हैं कि यूपी में कांग्रेस के पास 80 लोकसभा सीटों में केवल रायबरेली ही एक मात्र सीट है, जहां से कांग्रेस की सांसद सोनिया गांधी हैं. उनकी राजनीति को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि अजय राय ने अपने करियर की शुरुआत भाजपा से की थी. वह 1996 से लेकर 2009 तक भाजपा से जुड़े रहे. 1996 में वाराणसी के कोलअसला विधानसभा से अजय राय विधायक बने.

साभार : जी न्यूज़

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