बेरुत. गाजा सिटी अस्पताल में इजरायल के हमले के बाद से मध्य पूर्व के हालात बिगड़ने लगे हैं। मंगलवार शाम से ही तुर्की और जॉर्डन में राजनयिक मिशनों पर हमले के बाद पूरे मध्य पूर्व में दंगे भड़क गए हैं लेबनान में दूतावास पर पथराव हुआ। सैकड़ों लेबनानी प्रदर्शनकारियों ने राजधानी बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर धावा बोल दिया। इन प्रदर्शनकारियों के हाथों में फिलिस्तीन के झंडे लहरा रहे थे। यह प्रदर्शन तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इजरायल के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए देश की यात्रा पर हैं। फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास हमले के बाद से ही हालात बेहद खराब हैं। बाइडन के इजरायल पहुंचने के कुछ घंटे पहले ही दूतावास के बाहर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
हमले के बाद भड़का हिज्बुल्ला
गाजा के अल अहली अस्पताल में हुए हमले में 500 लोगों की मौत हो गई है। सोशल मीडिया पर इस घटना के कई वीडियोज आ रहे हैं। इनमें से ही एक वीडियो में प्रदर्शनकारी को दूतावास पर फिलिस्तीन का झंडा लगाने के मकसद से कांटेदार तारों पर चढ़ते हुए देखा जा सकता है। जबकि उसके साथी उसका हौसला बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। बेरूत में ही एक और प्रदर्शन में फ्रांस के दूतावास को भी निशाना बनाया गया है। इन प्रदर्शनों को लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला की तरफ से आयोजित किया गया था।
इराक में सेना पर हमला
दूसरी ओर अमेरिकी सेना ने बुधवार तड़के इराक में अपनी सेना को निशाना बनाकर किए गए हमले को फेल कर दिया है। सेना पर दो ड्रोनों से हमले की नाकाम कोशिश की गई। अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि हमले का संदेह किस पर है। लेकिन यह हमला तब हुआ है जब अमरिका ने इजरायल-हमास युद्ध को लेकर क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच ईरान समर्थित समूहों की गतिविधि के लिए सतर्क है। अधिकारियों ने कहा कि एकतरफा हमला करने वाले ड्रोनों को तब रोक लिया गया जब उन्होंने इराक के अल असद हवाई अड्डे पर हमला करने की कोशिश की थी। यह अमेरिकी सैनिकों का अड्डा है।
इजरायल को बताया जिम्मेदार
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अस्पताल में हमले के लिए इजरायल जिम्मेदार है। जबकि इजरायल ने नरसंहार के लिए हमास के एक फेल रॉकेट को जिम्मेदार ठहराया था। यह हमला हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध के दौरान हुई सबसे खतरनाक घटना है। सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था। हमलें में कम से कम 1400 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस बीच इजरायल के हमले से गुस्साए जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने बाइडन से मिलने से इनकार कर दिया है। बाइडन के इजरायल दौरे में अम्मान में रुकना भी शामिल था।
बाइडन से मिलने से इनकार
एक बयान में, जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने इजरायल के हमले की कड़ी निंदा की और फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता और लड़ाई को खत्म करने पर जोर दिया। व्हाइट हाउस की तरफ से आए बयान में कहा गया है, ‘जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ परामर्श करने के बाद और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने शोक घोषित किया है। इस वजह से बाइडन की जॉर्डन की यात्रा और इन दोनों नेताओं के अलावा मिस्र के राष्ट्रपति सिसी के साथ मीटिंग कैंसिल कर दी गई है।’
साभार : नवभारत टाइम्स
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