वाशिंगटन. भारतीय प्रधानमंत्री यूएस के लिए रवाना हो चुके हैं। अमेरिका ने राजकीय यात्रा पर भारतीय प्रधानमंत्री को आमंत्रित करके भारत की अहमियत को दर्शाया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत जैसे देश की जरूरत को रेखांकित करते हुए यूएनजीए यानी संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रमुख ने एक बड़ा बयान दिया है। यूएनजीए के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच एक धारणा है कि हसमें बेहतर प्रतिनिधियों की आवश्यकता है जिनके पास लोगों की भलाई और शांति की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में भारत निश्चित तौर पर उन देशों में से है जो दुनिया की भलाई में योगदान कर सकता हैं।
यूएनएससी के लिए भारत की उम्मीदवारी पर कोरोसी ने कहा कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) बनाया गया था उस समय भारत ‘सबसे बड़े देशों’ में से नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि यूएनएससी में सुधार होगा। वहीं सुधार का मामला 13 वर्षों से बातचीत की प्रक्रिया में चल रहा है। सुरक्षा परिषद में सुधार की संभावित आवश्यकता पर पहली चर्चा 40 साल पहले शुरू हुई थी लेकिन कोई भी बदलाव सदस्य राज्यों के हाथों में है।
यूएनजीए के अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य देश इस बात पर सहमति दें कि सुरक्षा परिषद में सुधार कैसे हो। स्थायी सदस्यों के मामले में, वीटो के अधिकार के मामले में, सुरक्षा परिषद और शायद संयुक्त राष्ट्र के बीच बेहतर संबंध कैसे होना चाहिए, ये सभी काम यह सब सदस्य देशों के हाथों में है। उन्होंने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद के शुरुआती सुधारों के लिए शायद सबसे सक्रिय अधिवक्ताओं में से एक है। भारत को संभावित महाशक्ति देश बताते हुए यूएनजीए प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक को भी याद किया।
कोरोसी ने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में अपनी बात रखते हुए कहा कि वे एक दूर दृष्टि वाले व्यक्ति, रणनीतिक सोच और गहरी परंपरा वाले व्यक्ति हैं। जो अपने राष्ट्र को एक एक बहुत गहरी परंपरा और एक स्पष्ट दृष्टि से देखते हैं। मुझे उनका अभिवादन करते हुए बहुत खुशी हो रही है।
साभार : इंडिया टीवी
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