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डीआरडीओ का मानव रहित विमान तापस खेतों में हुआ दुर्घटनाग्रस्त

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बेंगलुरु. एक मानव रहित वायु यान (Unmanned Aerial Vehicle, UAV) रविवार (20 अगस्त) को कर्नाटक के खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसका निर्माण डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने किया था. यूएवी को टेस्ट के लिए भेजा गया था. खेतों में काम करने वालों और आस पास के गांवों के स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को विमान के घटनाग्रस्त होने की सूचना दी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले के एक गांव में डीआरडीओ द्वारा विकसित एक मानव रहित वायु यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. सूत्रों ने बताया कि यह ड्रोन तापस 07 ए-14, जिले के हिरियूर तालुक स्थित वड्डिकेरे गांव के बाहर खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ.

DRDO के परीक्षण पर था विमान
सूत्रों के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब डीआरडीओ का ड्रोन परीक्षण उड़ान पर था. इस घटना पर डीआरडीओ के अधिकारियों की ओर से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल आई है. घटना से जुड़ी कुछ वीडियो और तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि दुर्घटना के बाद ड्रोन टूट गया और उसके पुर्जे आसपास बिखर गए. दुर्घटना के वक्त तेज आवाज आने के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और स्थानीय प्राधिकारियों को इसकी सूचना दी.

इधर-उधर जा गिरे पुर्जे
दुर्घटनाग्रस्त विमान के पुर्जे इधर-उधर जा गिरे. हालांकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. दुर्घटना की जांच कर इसके कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. यह भी शुक्र रहा कि घटना के दौरान खेत में कोई नहीं था और खाली खेत में यह घटना हुई. आस पास के गांवों में रहने वाले लोग दुर्घटनाग्रस्त विमान के पास पहुंचे और इसकी जानकारी अधिकारियों को दी.

28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे तक उड़ सकता है विमान
डीआरडीओ द्वारा विकसित तपस ड्रोन का निर्माण सीमाओं पर निगरानी के लिए किया गया. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह स्वदेशी तकनीक पर निर्मित है और इसका पूरा नाम टेक्नीकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस है. यह 18 घंटे से भी ज्यादा समय तक 28 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है.

साभार : एबीपी न्यूज़

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