लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में शनिवार को नो पार्किंग जोन में खड़ी कार उठाने पर न्यायिक अधिकारी के बेटे ने खूब हंगामा किया। उसने कर्मचारियों को अपशब्द कहे और धमकाया कि थाने में चलकर थप्पड़ खिलवाता हूं। काफी देर वह कर्मचारियों व ट्रैफिक पुलिसकर्मी से उलझता रहा। हालाकिं, इसके बाद ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने जज की पत्नी से फोन पर बात की। JCP ने नियमों का उल्लंघन करने पर चालान भरने को कहा, इसपर वो सहमत हो गईं। इसके बाद जज की पत्नी ने 1100 रुपए का जुर्माना भरा और फिर पुलिसकर्मियों ने कार छोड़ी।
जज का बेटा पहुंचकर करने हंगामा
हजरतगंज में एक कार नो पार्किंग जोन में खड़ी दिखने पर ट्रैफिक पुलिस ने लाउडस्पीकर से बोलना शुरू किया कि यह गाड़ी उठायी जा रही है। करीब दो मिनट तक लगातार बोलने के बाद भी जब कोई नहीं आया तो पुलिस ने क्रेन से कार उठवा दी। कुछ देर बाद जज का बेटा वहां पहुंचकर हंगामा करने लगा। उसने सरेआम काफी अपशब्द कहे। इस बीच पुलिस अधिकारी के पास युवक के पिता ने खुद को जिला जज बताकर गाड़ी छोड़ने को कहा। बाद में पुलिस को पता चला कि उनकी गाड़ी पर जिला जज लिखा है लेकिन वह मेरठ में फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज हैं। जिनका नाम पद्माकर मणि त्रिपाठी है।
दो दिन पहले उलझे थे युवक
नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने दो युवक पुलिस से उलझ गये थे। पुलिस से उलझने पर इन दोनों युवकों को पुलिस थाने पकड़ ले गई थी। ये लोग जुर्माना भी नहीं भर रहे थे। अंत समय तक जुर्माना नहीं दिया और पुलिस से हाथापाई करने लगे थे। इस पर पुलिस ने उनके खिलाफ शांति भंग करने की कार्रवाई कर दी थी। इसके बाद युवकों ने जुर्माना भी भरा था। बता दें कि इस अभियान के तहत शनिवार को अलग अलग इलाकों से 65 गाड़ियां उठायी गई। वहीं 456 वाहनों का ई-चालान हुआ है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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