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भारत प्रकृति के साथ तालमेल की संस्कृति के अनुरूप सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध : डॉ. जितेंद्र सिंह

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नई दिल्ली (मा.स.स.). आज यहां विश्व पृथ्वी दिवस के आयोजन  हेतु  पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी त्तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ; प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ) , कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री  डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “लाइफ” (पर्यावरण के लिए जीवन शैली- एलआईएफई) आंदोलन को दोहराया और कहा कि  भारत प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने की हमारी अपनी संस्कृति के अनुरूप सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है I

संयुक्त राष्ट्र के राजदूत और ग्रैमी पुरस्कार विजेता भारतीय संगीतकार और पर्यावरणविद्, रिकी केज आज  के विशेष अतिथि थे, जिनकी ‘ पृथ्वी और पर्यावरण ‘ पर नई संगीत रचना  को केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा जारी किया गया  था । डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया  कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2022 में ‘ पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट –  एलआईएफई) आंदोलन की शुरुआत की थी और इस बात पर जोर दिया था कि मानव- केंद्रित, सामूहिक प्रयासों और मजबूत तरीके से हमारे ग्रह के सामने आने वाली चुनौती को हल करने के लिए सतत विकास को आगे बढाने वाली कारवाई आज के  समय की जरूरत है ।

पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम  है । इसे  पहली बार 1970 में आयोजित किया गया था । विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की विषयवस्तु ( थीम )  ‘ हमारे ग्रह में निवेश ‘ है  और इस समय यह विषयवस्तु  हम सभी को जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और अपशिष्ट में कमी लाना जैसे पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिए हमारे ग्रह के बेहतर भविष्य में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है । मंत्री ने उल्लेख किया कि  सीओपी 26 के दौरान प्रधान मंत्री द्वारा प्रस्तुत  किया गया जीवन ( एलआईएफई )  का विचार पर्यावरण के प्रति एक ऐसी जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देता है जो ‘ अविवेकपूर्ण  और निरर्थक  उपभोग ‘ के बजाय ‘ सचेत और सुविचारित उपयोग ‘ पर केंद्रित है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ( एमओईएस ) मौसम, जलवायु, महासागर, समुद्र तटीय राज्यों , जल विज्ञान और भूकंप संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से संबंधित सभी पहलुओं पर समग्र रूप से कार्य  करता है । इन  सेवाओं में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात, तूफ़ान, बाढ़, लू  ( हीट वेव्स ) , आंधी और बिजली गिरने के पूर्वानुमान ,  सुनामी के लिए चेतावनी  और भूकंप आदि की निगरानी शामिल हैं । इसके अलावा, मंत्रालय को महासागर सर्वेक्षण और जीवित और निर्जीव संसाधनों की खोज और तीनों ध्रुवों ( आर्कटिक, अंटार्कटिक और हिमालय ) में  खोज करने का भी अधिकार है ।

मंत्री ने कहा कि मानव जीवन को बचाने और प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षति  को कम करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और राज्य सरकारों द्वारा मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है । डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय देश में पृथ्वी और पृथ्वी विज्ञान से संबंधित मुद्दों पर आम जनता को जागरूक करने और संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से पृथ्वी दिवस / ओजोन दिवस आयोजित करने  का समर्थन करता रहा है । मंत्रालय  देश भर में 75 से अधिक स्थानों / स्कूलों / कॉलेजों / संस्थानों में पृथ्वी दिवस के उत्सव का समर्थन कर रहा है जिसमें छात्राओं  / अलग-अलग दिव्यांग  छात्रों और महत्वाकांक्षी जिलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है ।

उन्होंने कहा कि पूरे भारत में, 7500 से अधिक छात्र / स्वयंसेवक पृथ्वी दिवस 2023 के एक अंग  के रूप में बीज बोने और फिर पौधों के रूप में बढ़ते देखना / वृक्षारोपण  / नारे लगाना  / रैली निकालना / चित्रकला (पेंटिंग) जैसी  गतिविधियों में भाग ले रहे हैं । इसके पृथ्वी  विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस)  मुख्यालय सहित विभिन्न संस्थानों में लोकप्रिय व्याख्यान आयोजित किए जा रहे हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ एम रविचंद्रन ने भी इस अवसर पर संबोधित किया  और भारत में ” लाइफ – एलआईएफई ” आंदोलन एवं  सतत विकास (सस्टेनेबल डेवेलपमेंट)  को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया।

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