नई दिल्ली (मा.स.स.). उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में मन की बात @100 पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन का आयोजन प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो प्रसारण की निरंतर सफलता को चिन्हित करने के लिए किया गया, जो पूरे भारत में 100 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच गया है।
इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने 2014 को एक महत्वपूर्ण विकास बताया, जिसने भारत की नियति को प्रगति के पथ पर तथा अजेय उत्थान के मार्ग पर ले जाने के लिए आकार दिया। गठबंधन सरकार को विकास पर ब्रेक बताते हुए धनखड़ ने कहा, “30 वर्ष के अंतराल के बाद 2014 में भारत में एक दलीय बहुमत वाली सरकार के रूप में संसद में राजनीतिक स्थिरता मिली।” उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने मन की बात में लोगों के साथ व्यक्तिगत संचार में अपना प्रयोग प्रारंभ किया। प्रयोग का एक और परिणाम यह था कि अब तक का संघर्षरत संचार माध्यम, रेडियो को सबसे आगे ला दिया।
उप-राष्ट्रपति ने मासिक प्रसारण को पूरी तरह से अ-राजनतिक होने की प्रशंसा की और 100 कड़ियों की उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने मन की बात को हमारी सभ्यतागत लोकाचार का प्रतिबिंब बताया। उद्घाटन समारोह के बाद के सत्रों के बारे में उन्होंने कहा कि अब नारी शक्ति के लिए सबसे उपयुक्त समय है और महिलाएं उपलब्धियों के अज्ञात क्षेत्रों में प्रवेश कर रही हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी राष्ट्रपति अत्यंत प्रतिभाशाली आदिवासी महिला हैं। उन्होंने आगे कहा कि सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एक देश अपने योगदान को भूल गया है और उस भाव को पुनर्जीवित करने में प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम का योगदान उल्लेखनीय है।
धनखड़ ने 2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने की चर्चा की और कहा कि भारत @100 की मजबूत नींव और देश का क्या होगा¸ मन की बात @100 द्वारा इसे दृढ़ता से रखा गया है। उन्होंने इस कार्यक्रम को देश में नकारात्मकता में कमी और चौतरफा सकारात्मक भावुकता में वृद्धि का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि पहले देश उम्मीद खो रहा था और हमारी वैश्विक छवि खराब हो गई थी, वहीं अब हम भारत को शीर्ष पर देख रहे हैं। उन्होंने कहा- “मन की बात ने बहुत अल्प समय में स्थानीय कारीगरों, प्रतिभाओं और कौशल की ब्रांडिंग की है। यह प्रतिभा का उपयोग करने में असमर्थ जाति, पंथ और धर्म से विभाजित देश में विविधता का गुलदस्ता है। यह जन आंदोलन का अग्रदूत है, जैसा कि जनता कर्फ्यू के दौरान देखा गया, जो केवल प्रधानमंत्री द्वारा कार्रवाई का आह्वान था। यह कार्यक्रम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करता है और उन्हें भविष्य में देखने के लिए प्रेरित करता है।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि मन की बात कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत की थीम के इर्दगिर्द बुना गया है। यह कार्यक्रम भारत के आम लोगों की उपलब्धियों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस संदेश के लिए चुना गया माध्यम रेडियो जनसंचार का मौलिक माध्यम है। मंत्री ने मन की बात कार्यक्रम की विभिन्न कड़ियों के दौरान उल्लिखित 106 गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति को स्वीकारते हुए कहा कि अब तक प्रसारित 99 कड़ियों में 700 से अधिक लोगों तथा संगठनों की उपलब्धियों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां सरकार ने एथलीटों को प्रोत्साहित करने के लिए खेलो इंडिया प्रारंभ किया, वहीं मन की बात ने उनकी उपलब्धियों को देश के प्रत्येक घर तक पहुंचा कर उनकों और अधिक प्रेरित करने वाली शक्ति के रूप में काम किया।
मन की बात व्यवहार को प्रभावित करने का एक तंत्र बन गया है, जैसा की आईआईएम रोहतक द्वारा हाल में किए गए सर्वेक्षण से पता चला है। मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री ने एक दंपति की सराहना की, जिन्होंने अपनी नवजात बेटी के निधन के बाद अंगदान किया। इस अंगदान का संदेश हर परिवार में गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया गया। ठाकुर ने उपस्थित लोगों को बताया कि प्रधानमंत्री जब विदेश यात्रा करते हैं तो वह अपने साथ देश के सबसे छोटे क्षेत्रों के उपहार लेकर जाते हैं और उन्हें मेजबान देश के गणमान्य व्यक्ति को भेंट करते हैं। इस तरह भारत के कोने-कोने की पहचान और प्रतीकों को विश्वभर में पहचान देते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक सर्वेक्षणों में विश्व नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को प्रमुख पसंदीदा व्यक्तिव के रूप में पहचाना है, जो मन की बात की प्रभावी पहुंच का प्रमाण है।
मंत्री ने एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक की हाल की भारत यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि आज विश्व, निराशा के बीच भारत और उसकी अर्थव्यवस्था को आशा की किरण के रूप में देखता है। प्रधानमंत्री भारत के लोगों से अपने रेडियो प्रसारण के लिए इनपुट मांगते हैं। मंत्री ने बताया कि मन की बात की प्रथम 15 कड़ियों के लिए 61,000 इनपुट मिले थे। 2017 में विभिन्न भाषाओं में प्रधानमंत्री के संबोधन के अनुवाद के माध्यम से कार्यक्रम की पहुंच का विस्तार हुआ।
उद्घाटन समारोह में उप-राष्ट्रपति ने दो पुस्तकों का विमोचन किया। पहली कॉफी टेबल बुक ‘मन की बात @100’ पर प्रकाशित की गई है। इसमें मन की बात यात्रा पर प्रकाश डाला गया है और बताया गया है कि कैसे इस कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप प्रधानमंत्री और नागरिकों के बीच संवाद में एक नए युग का प्रारंभ हुआ है। प्रसार भारती के पूर्व सीईओ एस.एस. वेम्पति लिखित दूसरी पुस्तक ‘कलेक्टिव स्पिरिट, कंक्रीट एक्शन’ विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ प्रधानमंत्री मोदी की चल रही बातचीत के आकर्षक पहलुओं का दस्तावेजीकरण करती है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरण, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य तथा फिटनेस के विषयों पर प्रकाश डाला गया है, जो हमारे राष्ट्र के दिल से मेल खाते हैं।
अपने स्वागत भाषण में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने कहा कि उपस्थित लोगों के बीच मौजूद 106 उपलब्धि प्राप्तकर्ता सामाजिक परिवर्तन के लिए सामुदायिक भागीदारी के प्रधानमंत्री के विजन को दिखाते हैं। उन्होंने लोगों को प्रेरित और सशक्त बनाकर आश्चर्यजनक सामाजिक प्रभाव डालने का श्रेय मन की बात को दिया। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी के इतिहास में मन की बात सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया है। इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ तथा प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी भी उपस्थित थे। दिनभर चलने वाले सम्मेलन में नारी शक्ति, विरासत का उत्थान, जन संवाद से आत्मनिर्भरता तथा आह्वान से जन आंदोलन विषय पर चार सत्र हुए, इसके बाद समापन सत्र हुआ। मासिक रेडियो प्रसारण मन की बात की 100वीं कड़ी 30 अप्रैल, 2023 को प्रसारित की जाएगी।
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं