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हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी के कारण संगठन की लिस्ट नहीं हो सकी फाइनल

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चंडीगढ़. हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी के कारण एक बार फिर संगठन लिस्ट लटक गई है। दो दिन के चंडीगढ़ प्रवास के दौरान मिले फीडबैक के बाद अब हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने यह फैसला किया है। विधायकों, नेताओं से मिले इनपुट के बाद बाबरिया अब दिल्ली में भी फीडबैक लेंगे। इसके लिए उन्होंने कुछ नेताओं से वन टू वन मुलाकात के बाद दिल्ली तलब किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार गुटों की एक राय बनाने के लिए वर्तमान में केंद्र स्तर पर लटकी संगठन लिस्ट को रद्द कर उसे नए सिरे से भी तैयार किया जा सकता है।

विधायकों ने जताई गुटबाजी को लेकर चिंता
हरियाणा कांग्रेस की दो दिन चली अहम बैठक में पार्टी विधायकों ने प्रभारी दीपक बाबरिया से गुटबाजी को लेकर चिंता जताई। विधायक वरुण मुलाना, शैली चौधरी, प्रदीप चौधरी, मेवा सिंह आदि ने बताया कि पार्टी में यदि जल्द गुटबाजी खत्म नहीं की गई तो 2019 की तरह 2024 का भी चुनाव हार जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा में कांग्रेस का संगठन होना बेहद जरूरी है।

हरियाणा कांग्रेस में अभी 4 गुट
हरियाणा कांग्रेस में अभी 4 गुट हैं। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ ही राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ में पार्टी प्रभारी कुमारी सैलजा, पार्टी नेता और विधायक किरण चौधरी के नाम प्रमुख हैं। हालांकि इन गुटों में सबसे प्रभावी पूर्व सीएम हुड्‌डा ही हैं। उन्होंने संगठन के नाम पर हरियाणा में अध्यक्ष के रूप में चौधरी उदयभान की नियुक्ति कराई, यही कारण है कि आए दिन उन पर मजबूर अध्यक्ष के आरोप दूसरे गुट के नेता लगाते रहते हैं।

अन्य दलों का भी लिया फीडबैक
हरियाणा में मीटिंग के दौरान दीपक बाबरिया ने अन्य दलों का भी फीडबैक लिया। हरियाणा में सत्तासीन BJP-JJP के साथ ही आम आदमी पार्टी और INLD के प्रमुख चेहरों पर चर्चा की। बाबरिया ने इसके बाद पार्टी नेताओं को कुछ दिशा निर्देश भी दिए। साथ ही विपक्षी नेताओं से लड़ने के लिए एकजुट होने की भी सलाह दी।

2019 में टिकट बंटबारे का उठा मुद्दा
हरियाणा कांग्रेस की इस अहम बैठक में सभी गुटों के नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। सुरजेवाला, किरण और सैलजा ने पूर्व सीएम पर एकाधिकार का आरोप लगाया। वहीं भूपेंद्र हुड्डा ने भी 2019 में टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2019 में ही कांग्रेस की सरकार बनना तय था, लेकिन हमारे स्तर पर ही गलती हुई, जिसका आकलन जरूरी है। हुड्डा ने बातों ही बातों में टिकट बंटवारे की तरफ प्रभारी का ध्यान खींचा। 90 में से 40 टिकट हुड्डा विरोधी खेमों को मिली थी।

अनुशासन को लेकर हुड्‌डा ने साधा निशाना
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि जो लोग चौधरी उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष मानने से इनकार करते हैं, वह किस मुंह से अनुशासन का दम भरते हैं। उन्होंने कहा कि उदयभान को कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। ऐसे में उनके खिलाफ होने वाली टिप्पणियों को भी अनुशासनहीनता माना जाना चाहिए। बार-बार पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां और बयानबाजी करने वालों को अपने भीतर झांकना चाहिए।

साभार : दैनिक भास्कर

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