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भारत ने वर्षों पहले कनाडा को दिए थे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सबूत

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नई दिल्ली. भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है. इस बीच एक जानकारी यह सामने आई है कि कनाडा को कई बार खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सबूत दिए गए. लेकिन कनाडाई सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. शीर्ष सूत्रों ने बताया कि भारत कई वर्षों से कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधि के इनपुट और सबूत मुहैया करा रहा है, लेकिन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह द्वारा बुलाए गए ‘रेफरेंडम 2020’ के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

2020 में खुफिया एजेंसियों ने कनाडा सरकार को दिया था पहला सबूत
अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से कनाडा सहित विभिन्न देशों को खालिस्तान समर्थक संस्थाओं (पीकेई) के हथियार प्रशिक्षण के दस्तावेज, अद्यतन स्थान और विवरण प्रदान किए हैं. ब्रैम्पटन में पीकेई द्वारा अलग खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह आयोजित किए जाने के बाद 2020 में कनाडा को पहली डिटेल जानकारी प्रदान की गई थी.

खुफिया एजेंसी ने सबूत के तौर पर शेयर किए थे वीडियो और फोटो
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “2018 में समूहों द्वारा अलग खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह की घोषणा के बाद सब कुछ शुरू हुआ. 2020 में, भारत सरकार ने पते के साथ ऑडियो, वीडियो और फोटो साक्ष्य प्रदान किए, जो यह समझने के लिए पर्याप्त थे कि इन समूहों द्वारा कनाडा में आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई जा रही थी. लेकिन कनाडा की सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और ‘विरोध के अधिकार’ का सम्मान करने का बहाना बताया.’

सबूत के तौर पर कई गैंगस्टरों का लोकेशन भी किया गया शेयर
सूत्रों ने कहा कि भारतीय एजेंसियों ने पंजाब स्थित गैंगस्टरों द्वारा बनाए गए गिरोहों के ठिकाने जैसे विवरण भी प्रदान किए, जिनमें दविंदर बंबिहा गिरोह, अर्श दल्ला गिरोह और लखबीर लांडा गिरोह शामिल हैं. 2021 में, भारत ने गिरोह के सदस्यों पर विवरण साझा किया, जो पंजाब स्थित राजनीतिक दल के कैडर होने के झूठे बहाने पर कनाडा चले गए.

बार-बार सूबत देने के बाद भी नहीं शुरू हुई पूछताछ
एक अधिकारी ने कहा कि सूत्रों ने कहा कि 2016 के बाद पंजाब में सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों की कई टारगेट किलिंग खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर और उनके सहयोगियों की करतूत थीं. “लेकिन कनाडाई एजेंसियों ने कभी भी निज्जर और उसके दोस्तों भगत सिंह बराड़, पैरी दुलाई, अर्श दल्ला, लखबीर लांडा और अन्य के खिलाफ कोई पूछताछ या जांच शुरू नहीं की.

साभार : न्यूज़18

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