नोएडा. उत्तर प्रदेश के नोएडा में शारदा यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्व आधारित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आज के प्रजातंत्र में हमारे मत भिन्न हैं लेकिन हम एक साथ चलेंगे। रास्ते अलग होते हैं लेकिन सब एक स्थान पर जाते हैं, इसलिए समन्वय में चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य निर्धारण करता है। मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोरोना महामारी के दौरान शहरी एरिया के मुकाबले पूरी दुनिया ने ग्रामीण की ताकत को देखा है।
उन्होंने कहा कि कोविड में बुजुर्गों के घरेलू नुस्खों से बनने वाले काढ़े ने वायरस को मारा है। विदेशी लोग आयुर्वेद और योग को जादू समझते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद से आयुर्वेद की ताकत को पूरी दुनिया ने पहचाना है। हमें भी घरेलू नुस्खे और आयुर्वेद को अपनाना होगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत प्राकृतिक रूप से चारों तरफ से सुरक्षित है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि पूरी दुनिया के राष्ट्र एक लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्पन्न हुए हैं।
डॉ. भागवत ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बारे कहा कि आज के समय में हमें उस उद्योग की आवश्यकता है, जो लोगों के हाथों को काम दे, हमें विकेंद्रित उद्योग के तरफ ज्यादा ध्यान देना होगा ताकि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकें। हर तकनीक जो रोजगार को खत्म कर रहा है या कर सकता है, हमें स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि आपकी धार्मिक मान्यता कोई भी हो, सबसे ऊपर भारत है। भारत की भौगोलिक एकता को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना है। हम कटते चल गए, यह अब और नहीं होगा। हम भाई हैं। दो भाई हैं लेकिन एक रहेंगे। यह काम कोई सरकार नहीं कर सकती है। यह काम समाज को करना पड़ेगा।
साभार : नवभारत टाइम्स
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