मुंबई. कांग्रेस ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में सहयोगी दल शिवसेना (UBT) की 23 सीटों की मांग खारिज कर दी है. यह बात तब सामने आई जब नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सहयोगियों-शिवसेना (UBT), कांग्रेस और राकांपा (NCP) के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. दो गुटों में बंटी शिवसेना ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 पर दावा किया है, लेकिन अधिकांश सदस्य एकनाथ शिंदे के पक्ष में रहे हैं. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट को एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पार्टी के विभाजन के कारण उसके पास पर्याप्त उम्मीदवारों की कमी है.
बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि शिवसेना और शरद पवार की राकांपा में विभाजन के बाद, सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) राज्य में स्थिर वोट शेयर वाली एकमात्र पार्टी है. पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टियों के बीच समायोजन की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘हालांकि हर पार्टी सीटों की बड़ी हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए शिवसेना की 23 सीटों की मांग अत्यधिक है.’ संजय निरुपम ने कहा कि नेताओं को जीतने वाली सीटों पर विवाद से बचना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘शिवसेना 23 सीटों की मांग कर सकती है, लेकिन वे उनका क्या करेंगे? शिवसेना के नेता चले गए हैं, जिससे संकट पैदा हो गया है. उम्मीदवारों की कमी शिवसेना के लिए एक समस्या है.’
पिछले हफ्ते, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा था कि उन्होंने पार्टी नेताओं उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ, हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बातचीत की थी.
साभार : जी न्यूज़
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