नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने देश में चावल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत के इस फैसले से उन देशों की चिंता बढ़ गई है, जहां भारत के चावल निर्यात होते हैं। हालांकि अब खबर आई है कि भारत ने सिंगापुर को चावल निर्यात करने की अनुमति दे दी है। दोनों देशों के मजबूत रिश्तों को देखते हुए ऐसा फैसला किया गया है।
सिंगापुर को जारी रहेगा चावल का निर्यात
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी कर कहा है कि ‘भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत रणनीतिक संबंध हैं। दोनों देशों के साझा हित हैं और आर्थिक स्तर पर और लोगों के लोगों से संबंध भी दोनों देशों के मजबूत हैं। ऐसे में इस विशेष संबंध को देखते हुए भारत ने सिंगापुर की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए चावल का निर्यात करने का फैसला किया है। इस संबंध में जल्द ही औपचारिक आदेश जारी कर दिए जाएंगे।’
बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार ने लगाया प्रतिबंध
बता दें कि सरकार ने पहले गैर बासमती सफेद चावल और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद हाल ही में भारत ने पारबॉयल्ड चावल के निर्यात पर निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत लगा दिया है। साथ ही एक लाख रुपये प्रति टन से कम कीमत के बासमती चावल के निर्यात पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। हाल के समय में भारतीय बाजार में चावल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में सरकार ने चावलों की कीमत नियंत्रण में रखने और खाद्य सुरक्षा के लिए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।
हर साल 40 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात करता है भारत
भारत हर साल करीब 40 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात करता है। भारत के कुल चावल निर्यात में से करीब तीन चौथाई हिस्सा बासमती चावल का होता है। यही वजह है कि भारत द्वारा चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने दुनिया के कई देशों को परेशान कर दिया है। खासकर ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका में भारतीय चावल का काफी निर्यात होता है, ऐसे में इन देशों में बासमती चावल की समस्या देखने को मिल सकती है।
साभार : अमर उजाला
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