नई दिल्ली. दिल्ली के एक शेल्टर होम में पिछले 20 दिनों के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई है। मामला रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम का है। यह दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है। 15 जुलाई से 31 जुलाई के बीच यहां 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें 10 महिलाएं और दो पुरुष हैं। 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच एक और शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया था, जिसके कारण मरने वालों का आंकड़ा 13 बताया जा रहा है।दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम में अचानक इतने लोगों की मौत के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री आतिशी ने शुक्रवार (2 अगस्त) को राजस्व विभाग को मजिस्ट्रेट जांच करने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
मृतकों के आंकड़े को लेकर अलग-अलग दावे
मृतकों के आंकड़े को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अब तक शेल्टर होम में 27 बच्चों की मौत हुई है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच में शेल्टर होम में मौतों का खुलासा हुआ है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम में जनवरी से अब तक 14 मौतों की बात कही है। मौतों का असली कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वाले लोगों में दस्त और उल्टी के एक जैसे लक्षण थे। आशा किरण मेडिकल केयर सेंटर के डेटा के अनुसार जनवरी 2024 से हर महीने 2-3 मौतें हो रही हैं लेकिन जुलाई में ये आंकड़ा तेजी से बढ़ा।
क्षमता से ज्यादा लोगों का इलाज कर रहा शेल्टर होम
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार साल 1989 में बने इस शेल्टर होम में 500 लोगों के भर्ती होने की क्षमता है लेकिन यहां 1000 लोग भर्ती हैं। इनके इलाज के लिए यहां सिर्फ छह डॉक्टर और 17 नर्स हैं। शेल्टर होम में 10 डॉर्मेट्री पुरुषों के लिए और 10 महिलाओं के लिए बनी हैं।
शेल्टर होम की निगरानी करने वाले विभाग के प्रमुख का पद खाली
आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आती है। AAP विधायक राज कुमार आनंद समाज कल्याण मंत्री थे। हालांकि, 10 अप्रैल को मंत्री पद और AAP से उनके इस्तीफे के बाद से इस विभाग के हेड का पद खाली है। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसी भी मंत्री को विभाग का जिम्मा नहीं सौंपा है।
साभार : दैनिक भास्कर
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