बेंगलुरु. ब्रुकफील्ड में रामेश्वरम कैफे में हुए बम विस्फोट की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गयी है. इस बीच सामने आ रहा है कि इस हमले का कनेक्शन 2022 में मंगलुरु में हुए प्रेशर कुकर विस्फोट और इस्लामिक स्टेट (ISIS) से हो सकता है. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी शनिवार (2 मार्च) को कहा था कि शहर के लोकप्रिय रेस्तरां रामेश्वरम कैफे में धमाका और 2022 में मंगलुरु में हुए प्रेशर कुकर विस्फोट के बीच एक संबंध जान पड़ता है.
डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
शिवकुमार ने कहा, ‘‘पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मंगलुरु घटना और इस घटना के बीच एक संबंध जान पड़ता है. (विस्फोट के लिए) इस्तेमाल की गई सामग्रियों में हम एक समानता देख सकते हैं. उनके बीच हम एक संबंध है. दोनों में टाइमर का इस्तेमाल किया गया.’’ शिवकुमार ने कहा, ‘‘विस्फोटकों को स्थानीय स्तर पर तैयार किया गया था…लेकिन धमाके की आवाज जोरदार थी। टोपी या चश्मा पहनने के बावजूद अपराधी का चेहरा सभी कोणों से दिखाई देता है. उसे तीन-चार कोणों से उसे देखा जा सकता है. सीसीटीवी फुटेज में वह चलते हुए देखा जा सकता है.’’
दरअसल, मामले में टोपी, मास्क और चश्मा पहने हुए एक व्यक्ति मुख्य संदिग्ध है और अभी उसका सुराग नहीं मिला है. अभी तक इस मामले में कर्नाटक पुलिस की जांच में एनआईए, राष्ट्रीय सुरक्षा समूह (एनएसजी) और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों ने मदद की है.
मंगलुरु में क्या हुआ था?
मंगलुरु में, नवंबर 2022 में एक प्रेशर कुकर के अंदर रखी एक आईईडी में उस समय विस्फोट हो गया, जब इसे एक ऑटो रिक्शा से ले जाया जा रहा था. घटना की जांच से पता चला था कि आईईडी को कादरी मंजुनाथ मंदिर में लगाया जाना था. जांचकर्ताओं ने पाया था कि मंगलुरु में प्रेशर कुकर विस्फोट ‘इस्लामिक स्टेट-प्रायोजित’ था और इसमें लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी की संलिप्तता थी. वहीं पूर्वी बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड में रामेश्वरम कैफे में एक मार्च को हुए विस्फोट में कम से कम 10 लोग घायल हो गए थे.
साभार : एबीपी न्यूज
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