अहमदबाद. गुजरात के जूनागढ़ में भड़काऊ भाषण देने वाले मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को मुंबई के घाटकोपर में गिरफ्तार कर लिया गया. मौलाना की गिरफ्तारी के विरोध में थाने के बाहर भारी संख्या में उनके समर्थक जुट गए. हालांकि कुछ देर बाद मौलाना ने खुद थाने से समर्थकों से शांत रहने की अपील की. इस बीच हालात संभालते हुए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया. उनकी गिरफ्तार गुजरात के एंटी टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने की है और उन्हें गुजरात ले गई.
मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी पर धारा 153ए, 505, 188 और 114 के तहत आरोप हैं. थाने के बाहर मौजूद लोगों से अजहरी ने कहा कि किसी को भी जोश में होश नहीं खोना चाहिए. स्थिति जो भी हो, मैं आपके सामने हूं. न तो मैं अपराधी हूं और न ही मुझे अपराध करने के लिए यहां लाया गया है. वे जरूरी जांच कर रहे हैं और मैं भी सहयोग कर रहा हूं. मैं आपसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध करता हूं. अगर यह मेरे भाग्य में है तो मैं गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं. मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि यदि आप मुझसे प्यार करते हैं, तो यह जगह खाली कर दें.
पुलिस दो आयोजकों को पहले कर चुकी गिरफ्तार
मुंबई के इस्लामिक स्कॉलर अजहरी ने 31 जनवरी की रात जूनागढ़ के मोकल्या मैदान में कार्यक्रम को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया था. उनके भाषण का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. एफआईआर में दो आयोजकों का भी नाम हैं, जिन्हें पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. अब मौलाना की गिरफ्तारी हुई है.
बताया गया है कि कार्यक्रम के लिए पुलिस से अनुमति ली गई है. इस दौरान अजहरी ने आश्वासन दिया था कि वह नशे के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने भड़काऊ बयान दिए. भाषण के दौरान उन्होंने कहा था, ‘अभी कर्बला का आखिरी मैदान बाकी है. कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आएगा.’ उन्होंने इस्लाम के पैगंबर की बातें मानने पर जोर दिया और लब्बैक या रसूलल्लाह के नारे लगाए. उनके साथ भीड़ भी नारों को दोहरा रही थी.
कौन हैं मौलाना सलमान अजहरी?
मुफ्ती सलमान अजहरी एक सुन्नी इस्लामिक रिसर्च स्कॉलर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. उन्होंने इस्लामिक स्टडी के लिए मिस्र के जामिया अल-अजहर से ग्रेजुएशन किया है और दुनिया भर में उनके हजारों समर्थक व फॉलोअर्स हैं. वह इस्लामिक भाषण देने के साथ-साथ तमाम सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते हैं. इसके अलावा जामिया रियाजुल जन्नाह, अल-अमान एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और दारुल अमान के संस्थापक भी हैं.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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