मंगलवार, दिसंबर 03 2024 | 11:07:02 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / डोनाल्ड ट्रम्प फिर चुने गए अमेरिका के राष्ट्रपति, कमला हैरिस बुरी तरह हारी

डोनाल्ड ट्रम्प फिर चुने गए अमेरिका के राष्ट्रपति, कमला हैरिस बुरी तरह हारी

Follow us on:

वाशिंगटन. डोनाल्ड ट्रंप फिर से अमेरिका के बिग बॉस बन गए हैं. उन्होंने इलेक्टोरल वोटों की गिनती में दोपहर एक बजे तक निर्णायक 277 वोटों के साथ जीत पा ली है. वो क्या वजहें थीं, जिसके चलते ट्रंप अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस पर खासे भारी पड़े.

डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और भारतवंशी कमला हैरिस अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गई हैं. हालांकि उन्हें आखिरी समय तक दमदार कैंडीडेट माना जा रहा था लेकिन वोटिंग के बाद जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो इलेक्टोरल वोटों के आधार पर वह बहुत ज्यादा पिछड़ गईं. न्यूयार्क टाइम्स का प्रोजेक्शन कह रहा है कि जब इलेक्टोरल वोटों की गिनती पूरी होगी तो कमला हैरिस को 232 वोट मिलेंगे तो ट्रंप 306 पर गिनती खत्म करेंगे.

आखिर क्या वजह थी कि इतनी पापुलर माने जाने वाली कमला हैरिस चुनाव हार गईं. जबकि उनके साथ महिलाओं से लेकर एशियाई वर्ग का एक बड़ा समर्थन था. जानते हैं कि वो पांच वजहें क्या रहीं, जिसने उन्हें चुनाव जितवा दिया.

1. आर्थिक चिंताएं

कई मतदाता अर्थव्यवस्था को एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में प्राथमिकता देते हैं. ट्रंप को ऐतिहासिक रूप से आर्थिक मामलों में अधिक अनुकूल रूप से देखा जाता है. मतदाताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैरिस की तुलना में ट्रम्प की आर्थिक नीतियों में विश्वास व्यक्त करता है, जिसकी वजह से स्वतंत्र विचार वाले मतदाताओं के स्विंग वोट उनकी ओर बड़े पैमाने पर गए.

2. मतदाताओं ने उन पर विश्वास नहीं किया

ट्रंप विशेष रूप से श्वेत मतदाताओं के बीच एक स्थिर अनुकूलता रेटिंग बनाए रखते हैं, जहां वो हैरिस पर पर्याप्त बढ़त रखते हैं. इस जनसांख्यिकी का समर्थन स्विंग राज्यों में महत्वपूर्ण है जो चुनाव परिणाम निर्धारित करते रहे हैं. इसके अलावा जब ट्रंप मतदाता धोखाधड़ी और चुनाव में एक रहने की बात करते हैं. ऐसे में ट्रंप का साथ रहने का नारा एक बड़े वर्ग को उनके साथ ले आता है. निश्चित रूप में इस मामले में अमेरिका की बड़ी आबादी कमला हैरिस पर शायद कम विश्वास करती है.

3. उनके भाषणों ने लोगों को निराश किया

हैरिस को उनकी संचार शैली के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, उनके भाषणों को अमूमन अस्पष्ट या अनिर्णायक के रूप में कहा जाता रहा है. सार्वजनिक रूप से उपस्थित होने के दौरान उनकी अस्पष्ट प्रतिक्रिया देने की उनकी प्रवृत्ति ने मतदाताओं का शायद हताश किया और उनसे दूर भी. उन्हें उम्मीदवार के रूप में उनकी योग्यता के बारे में संदेह भी पैदा हुआ. इसके विपरीत, ट्रंप का संदेश सीधा उनके वोटर्स को लुभाने वाला होता था.

4. स्विंग स्टेट्स ने उन्हें हरा दिया

अगर स्विंग स्टेट को देखें तो ट्रंप को हर जगह पिछली चुनाव की तुलना में ज्यादा वोट मिले हैं. इलेक्टोरल वोट बड़ी संख्या में उनकी ओर चले गए हैं. ट्रंप ने वहां स्पष्ट बढ़त ले रखी है. ये राज्य आवश्यक चुनावी वोट हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं. हैरिस वहां से प्रभावी रूप से समर्थन नहीं जुटा पाईं. लिहाजा उनकी हार की ये सबसे बड़ी वजह भी है.

5. डेमोक्रेटिक असंतोष

हैरिस की उम्मीदवारी को लेकर डेमोक्रेटिक मतदाता बहुत संतुष्ट नहीं थे. कई मतदाता इससे भी असंतुष्ट नजर आए कि डेमोक्रेटिक पार्टी ने चार सालों में देश में मजबूत नेतृत्व नहीं दिया. इस वजह से ट्रंप ज्यादा मजबूत विकल्प बन गए. उन्हें वापस चुन लिया गया. खासकर ऐसा लगा कि हैरिस की नीतियों में सार या स्पष्टता की कमी है और डेमोक्रेटिक पार्टी फिलहाल उचित नेतृत्व देने की क्षमता में नहीं है. शायद उन्हें पार्टी का भी बहुत साफ नहीं मिला.

साभार : न्यूज़18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

डोनाल्ड ट्रंप ने भारतवंशी काश पटेल को बनाया एफबीआई का निदेशक

वाशिंगटन. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और भारतवंशी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी …