चंडीगढ़. हरियाणा- पंजाब सीमा पर 299 दिन से एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर डटे किसान प्रदर्शनकारी आज फिर दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ें। हालांकि, कुछ मीटर चलने के बाद उन्हें हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोक दिया। हरियाणा पुलिस ने किसानों से पैदल मार्च निकालने के लिए अनुमति दिखाने को कहा। हरियाणा पुलिस ने पहले किसानों से आगे नहीं बढ़ने को कहा था और अंबाला प्रशासन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लगाए गए निषेधाज्ञा का हवाला दिया था।
आंदोलन के बीच दिखा खूबसूरत नजारा
किसान आंदोलन को लेकर जारी तकरार के बीच एक दिलचस्प नजारा भी दिखा, जब पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारी किसानों को अदरक वाली चाय ऑफर की। जवाब में पंजाब के किसानों ने भी हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों को पानी की बोतल ऑफर की इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन्हें खाना भी खिलाएंगे। इस बारे में जब एक सुरक्षाकर्मी से सवाल किया गया तो जवाब मिला कि आपके घर कोई आए तो क्या आप उसकी सेवा नहीं करेंगे? हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने आंदोलनकारियों को बिस्किट और पानी की बोतल भी ऑफर की।
हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। आंसू गैस के गोले दागने से घायल हुए किसान को पटियाला प्रशासन द्वारा राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। उसका नाम रेशम सिंह है जो कि भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) से जुड़ा है। घायल किसान बंठिडा के एक गांव के रहने वाले हैं।
पुलिस ने कहा- पहले परमिशन दिखाएं
हरियाणा प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि आंदोलनकारी किसान पहले अपनी शिनाख्त करवाएं और उसके बाद दिल्ली से मिली परमिशन दिखाएं, उसके बाद ही इन्हें आगे जाने की अनुमति दी जाएगी। शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमारे 101 किसानों और मजदूरों का जत्था पहुंच चुका है। हमने पहले ही सूची जारी कर दी है, अगर उन्होंने (पुलिस) तय किया है कि वे हमें आगे बढ़ने देने से पहले आईडी की जांच करेंगे, तो उन्हें हमें बताना चाहिए कि हम इसमें सहयोग करेंगे।उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह की बलिदान के लिए तैयार हैं। यह पीएम के पास है जिनके पास हमारी समस्याओं का समाधान है, या तो वे ऐसा करें या हमें दिल्ली मार्च करने दें।
मीडिया को नहीं रोका गया है- एसएसपी पटियाला
पटियाला के SSP नानक सिंह ने कहा कि मीडिया को नहीं रोका गया है। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है लेकिन मीडिया को जानकारी देना जरूरी था। पिछली बार हमें पता चला था कि 3-4 मीडियाकर्मी घायल हो गए हैं। उससे बचने के लिए हमने मीडिया को जानकारी दी। हम कोशिश करेंगे कि ऐसा न हो, लेकिन अगर कोई घायल होता है, तो उसे निकालने के लिए हमारे पास मेडिकल टीम है।
साभार : दैनिक जागरण
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