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अमरनाथ यात्रा मार्ग पर नगरोटा के सेल्फी पॉइंट के पास मिला आईईडी

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जम्मू. जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर बड़े हमले की लगातार साजिश चल रही है. ऐसी ही एक साजिश सुरक्षाबलों ने आज विफल कर दी, जब जम्मू से श्रीनगर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के पास IED विस्फोटक बरामद हुआ. जम्मू में नगरोटा के पास नेशनल हाइवे पर IED मिलने से हड़कंप मच गया. जैसे ही इसकी सूचना मिली, सुरक्षाबल अलर्ट हो गए और फिर इसे निष्क्रिय कर दिया गया. इसके साथ ही अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है.

नगरोटा में नेशनल हाईवे के पास आईईडी बरामद

सूत्रों के मुताबिक नगरोटा में नेशनल हाईवे 44 के पास जिस जगह आईईडी बरामद हुआ, वह एक सेल्फी पॉइंट है. उस जगह पर अमरनाथ यात्रियों समेत कश्मीर घूमने वाले तमाम पर्यटक रुककर अपने फोटो खिंचवाते हैं. ऐसे में वहां पर आईईडी छिपाकर आतंकियों ने बड़ी संख्या में लोगों को हताहत करने की साजिश रची थी, जिसे सुरक्षाबलों ने विफल कर दिया है.

आतंकियों ने जम्मू को क्यों बनाया अपना बेस?

बता दें कि कश्मीर में आतंकियों पर प्रभावी अंकुश लगने के बाद अब उन्होंने अपना बेस जम्मू शिफ्ट कर लिया है, जो एक पहाड़ी इलाका है. जम्मू के जिलों में घने जंगल और ऊंची पहाड़ियां हैं, जहां आतंकियों को छिपने में मदद मिलती है. इसके साथ ही इन पहाड़ियों में आतंकियों के कई मददगार भी हैं, जो स्लीपर सेल की तरह आम नागरिक के रूप में रहते हैं लेकिन पाकिस्तान से आतंकी आकाओं का मैसेज मिलते ही अपने असली रूप में आ जाते हैं.

आतंकियों को स्लीपर सेल्स का मिल रहा साथ

वे सुरक्षाबलों की मूवमेंट पर निगरानी रखने के साथ ही आतंकी हमले के लिए उपयुक्त जगहों की रेकी करते हैं. पाकिस्तान और कश्मीर के स्थानीय आतंकियों को रहने के लिए भोजन, पानी, आवास और सुरक्षा देते हैं. साथ ही आतंकी हमले के बाद उन्हें सुरक्षित तरीके से पहाड़ियों या पाकिस्तान भागने में भी मदद करते हैं. ऐसे ही स्लीपर्स की मदद से आतंकियों ने सोमवार को कठुआ में सेना की गाड़ी पर ग्रेनेड और बंदूकों से हमला किया, जिसमें आर्मी के 5 जवान शहीद हो गए और 6 अभी भी घायल है.

कठुआ के गुनहगारों को पकड़ने के लिए तलाश जारी

इस हमले के बाद से कठुआ के आतंकियों को दबोचने के लिए सेना का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. सेना के जवान और ड्रोन के जरिए कायर आतंकियों की तलाश जारी है. इस बीच हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक हमले में आतंकियों ने चीनी बुलेट्स का इस्तेमाल किया है. आतंकियों के पास चीनी हथियार भी हो सकते हैं. इसके अलावा आतंकियों के पास घातक M-4 असॉल्ट राइफल भी हैं.

दो ग्रुप में आए थे कठुआ के आतंकी!

कठुआ आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है. सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठन ने कबूल किया है कि उसने ही इस कायराना वारदात को अंजाम दिया है. सूत्रों के मुताबिक, आतंकी 2 ग्रुप में आए थे और दोनों ग्रुप में 5-7 आतंकी थे. इन्होंने घात लगाकर हमला किया. आतंकियों ने पहले से पोजीशन ले रखी थी. आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका. फिर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी. यानी कि सेना के मूवमेंट की इन्हें पहले से ख़बर थी. जानकारी ये भी है कि हमले में अमेरिकी रायफ़ल का और चीन में बने कारतूस का इस्तेमाल किया गया.

साभार : जी न्यूज

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