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हथियारबंद लोगों ने बलूचिस्तान की कोयला खदान पर हमला कर 20 श्रमिकों को मारा

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हथियारबंद हमलावरों द्वारा कोयला खदान पर हमले की खबर है। इस हमले में  20 लोगों के मारे जाने और सात अन्य के घालय होने की खबर है। ये हमला तब हुआ है, जब वहां शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक आयोजित होने वाली है। इस बैठक में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे।

बलूचिस्तान के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये हमला शुक्रवार सुबह-सुबह बलूचिस्तान के डुकी इलाके में हुआ। पुलिस अधिकारी हमायूं खान नासिर ने कहा कि  हथियारबंद लोगों ने यहां की जुनैद कोयला कंपनी में काम करने वाले लोगों के आवास पर धावा बोल दिया, लोगों को घेर लिया और गोलियां चला दीं। अभी इस हमले की जिम्मेदारी  किसी ने नहीं ली है। गौरतलब है कि हमले के शिकार अधिकांश पुरुष बलूचिस्तान के पश्तून भाषी क्षेत्रों से थे। मृतकों में से तीन और घायलों में से चार अफगान थे। बता दें कि यह प्रांत उन अलगाववादी समूहों का घर है जो आज़ादी चाहते हैं। वे इस्लामाबाद में संघीय सरकार पर स्थानीय लोगों की कीमत पर तेल और खनिज समृद्ध बलूचिस्तान का गलत तरीके से दोहन करने का आरोप लगाते हैं।

पाकिस्तान में इन दिनों सख्त है सुरक्षा

शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक इस साल पाकिस्तान में आयोजित हो रही है। इस बैठक को लेकर पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां इतनी डरी हुई हैं कि उन्होंने पांच दिनों तक इस्लामाबाद और रावलपिंडी जैसे प्रमुख शहरों में सभी गतिविधियां बंद कर दी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्लामाबाद और रावलपिंडी में 12 अक्तूबर से लेकर 16 अक्तूबर तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे और इस दौरान सभी रेस्तरां, शादी हॉल, कैफे और स्नूकर क्लब पूरी तरह से बंद रहेंगे।

पाकिस्तान में आयोजित होगी एससीओ बैठक

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की अध्यक्षता में एससीओ शिखर सम्मेलन 16 और 17 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे। एससीओ शिखर सम्मेलन का गठन साल 2001 में किया गया था, जिसमें चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सदस्य थे। यह यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन का अहम मंच है। इसके बाद संगठन का विस्तार हुआ है और इसमें भारत, पाकिस्तान और ईरान पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए, जबकि अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया पर्यवेक्षक देश का दर्जा रखते हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान का दौरा करेंगे। यह लगभग नौ वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा होगी, इससे पहले दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी।

साभार : अमर उजाला

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