काठमांडू. नेपाल में शुक्रवार सुबह मदन-अश्रित हाईवे पर भूस्खलन के बाद दो बस त्रिशूली नदी में गिर गईं। इन दोनों बसों में 65 यात्री सवार थे। त्रिशूली नदी में बसों के बह जाने के बाद राहत और बचाव अभियान जारी है। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मरने वालों में भारत के भी सात लोग शामिल हैं। राहतकर्मियों ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए पोखरा एकेडमी ऑफ हेल्थ साइंसेज भेज दिया गया है। हादसे के बाद अभी भी कई यात्री लापता हैं, जिनको ढूंढने की कोशिश की जा रही है। हादसे में मृतकों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ने का अंदेशा है।
नेपाल में जून से ही हो रही मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं बढ़ गई हैं। शुक्रवार सुबह कास्की में लैंडस्लाइड हुई, जिसकी चपेट में आकर दो यात्री बसें त्रिशूली नदी में बह गई। मेडिकलकर्मियों के साथ सेना और पुलिस के जवानों को राहत और बचाव में लगाया गया है। पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने कहा कि यह घटना काठमांडू से 86 किलोमीटर पश्चिम में चितवन जिले में ये दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 लोग थे और बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में 24 लोग थे। त्रिशूली नदी में दोनों बसें गिरी हैं। कार्की ने बताया कि राजधानी से 150 किलोमीटर पश्चिम में कास्की जिले में भूस्खलन से तीन घर बह गए, जिससे 10 लोगों की मौत हो गई।
नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से 91 मौतें
जून के मध्य से नेपाल में भूस्खलन और बाढ़ से कम से कम 91 लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ने आपदाओं पर दुख व्यक्त किया और सरकारी एजेंसियों को प्रभावी खोज और बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है। नेपाल के कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। नेपाल से छोड़े गए पानी का असर भारत में भी देखा जा रहा है। बारिश की वजह से काठमांडू से भरतपुर तक की सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। भारी बारिश की वजह से नेपाल जनहानि के साथ ही माल का भी नुकसान हुआ है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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