अहमदाबाद. पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को जामनगर राजघराने का अगला उत्तराधिकारी चुना गया है। जाम साहब शत्रुशल्य सिंह महाराज ने शनिवार सुबह इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की। अजय जडेजा इससे पहले भारतीय क्रिकेटर की रूप में ख्याति हासिल कर चुके हैं। हाल ही वह टी20 विश्व कप के दौरान अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के साथ मेंटर के रूप में जुड़े थे। उनके मार्गदर्शन में अफगानिस्तान टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। जडेजा अपनी सेवाओं के लिए अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से कोई फीस भी नहीं ली थी। इस दरियादिली के लिए उनकी काफी सराहना हुई थी।
शत्रुशल्यसिंहजी ने कहा, “दशहरा वह दिन है जिस दिन पांडवों ने 14 वर्ष का अज्ञातवास सफलतापूर्वक पूरा करके विजय का अनुभव किया था। आज मैं भी विजयी महसूस कर रहा हूं, क्योंकि अजय जडेजा ने मेरे उत्तराधिकारी और नवानगर का अगला जाम साहब बनना स्वीकार किया है, जो मैं सचमुच जामनगर के लोगों के लिए एक बड़ा वरदान मानता हूं।” उन्होंने यह जिम्मेदारी स्वीकार करने के अजय जडेजा को धन्यवाद भी कहा।
जामनगर राजघराने का इतिहास
जामनगर के राजघराने का इतिहास जडेजा वंश के राजा जाम रावल से जुड़ा है। उन्होंने 1540 ईस्वी में नवनगर रियासत की स्थापना की थी। उन्होंने दो नदियों रंगमती और नागमती के किनारे एक किला और महल को साथ देवी आशापुरा का मंदिर बनवाया था। जाम रावल के साथ 36 तरह के राजपूत कच्छ से जामनगर आए थे। जाम रावल जाम हाला के वंशज थे, इसलिए इस क्षेत्र को ‘हालार’ कहा जाता था। स्थानीय भाषा में ‘जाम’ शब्द का मतलब होता है ‘सरदार’। जाम साहब के खिताब का इस्तेमाल सबसे पहले जाम रावलजी जडेजा ने किया था। जामनगर को पहले पीतल नगरी के नाम से जाना जाता था। जामनगर में भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के लिए बेस स्टेशन हैं। यहां चार प्रसिद्ध संगमरमर जैन मंदिर भी हैं।
जडेजा परिवार का क्रिकेट से पुराना नाता
जामनगर के शाही परिवार की क्रिकेट में समृद्ध विरासत है। प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी का नाम क्रमशः जडेजा के रिश्तेदारों केएस रणजीतसिंहजी और केएस दलीपसिंहजी के नाम पर रखा गया है। इसी परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय जडेजा ने 1992 से 2000 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। इश दौरान उन्होंने 15 टेस्ट मैच और 196 वनडे मैच खेले। उनके क्रिकेट करियर का सबसे यादगार पल 1996 क्रिकेट विश्व कप क्वार्टर फाइनल में आया, जब उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम को जीत दिलाई। जडेजा ने सिर्फ 25 गेंदों में 45 रन बनाए, जिनमें से 40 रन वकार यूनिस के अंतिम दो ओवरों में आए थे। बल्लेबाजी के अलावा जडेजा की फील्डिंग की भी खूब तारीफ की जाती थी।
रवींद्र जडेजा की तलवारबाजी मशहूर
भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा भी जामनगर के राजपूत हैं। ऐसे में वह अर्धशतक या शतक लगाने पर तलवार की तरह बल्ला चलाकर जश्न मनाते हैं। जश्न मनाने का उनका अनोखा अंदाज काफी चर्चित है। रवींद्र जडेजा गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनो क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करते रहे हैं। मौजूदा समय में वह भारतीय टीम के सबसे अहम खिलाड़ियो में से एक हैं।
साभार : इंडिया टीवी
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