नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे पार्टियां कांग्रेस का साथ छोड़ती जा रही हैं। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है।
पंजाब में अकेले लड़ेगी AAP
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है, तो दिल्ली में भी गठबंधन पर स्थिति असमंजस में है। मंगलवार को दिल्ली को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा कि 8 जनवरी और 12 जनवरी को कांग्रेस और आप के बीच दो आधिकारिक बैठकें हुईं। बातचीत अच्छे माहौल में हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
बातचीत का नहीं निकला नतीजा
आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि वे दिल्ली के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत फिर से शुरू होने के लिए एक महीने से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से बातचीत नहीं की गई। 8 जनवरी और 12 जनवरी को कांग्रेस और आप के बीच दो आधिकारिक बैठकें हुईं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पिछले एक महीने में कोई बैठक नहीं हुई है।
एक सीट देने का प्रस्ताव- AAP
आप नेता ने कहा कि कांग्रेस के पास लोकसभा में शून्य सीटें और विधानसभा में शून्य सीटें हैं। पिछले साल एमसीडी चुनावों में कांग्रेस ने 250 में से नौ वार्ड जीते थे। इस डेटा के अनुसार, कांग्रेस एक भी सीट की हकदार नहीं है। हालांकि, गठबंधन धर्म के कारण और कांग्रेस का सम्मान रखते हुए, हम उन्हें एक सीट देने का प्रस्ताव रखते हैं।
AAP 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
साथ ही संदीप पाठक की ओर से कहा गया कि आम आदमी पार्टी छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर बातचीत नहीं हुई तो वे अगले कुछ दिनों में दिल्ली के लिए छह उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेंगे। दूसरी तरफ गठबंधन की तस्वीर साफ न होने पर सभी लोकसभा क्षेत्रों की बैठक करने के बाद अब उसने प्रत्याशी चयन पर भी काम करना शुरू कर दिया है।
साभार : दैनिक जागरण
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