माली. भारत से विवाद के बीच मालदीव की राजधानी माले में हुए मेयर के चुनाव में राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। माले के मेयर पद का चुनाव भारत समर्थक मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ने जीता। अब एडम अजीम माले के मेयर होंगे। पहले मेयर का पद खुद राष्ट्रपति मुइज्जू के पास था। लेकिन मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस पद से इस्तीफा दे दिया था। अजीम 5,303 वोटों से आगे रहे। जबकि मुइज्जू की पार्टी के उम्मीदवार अजीमा शकूर को 3,301 वोट मिले। मेयर के चुनाव में मिली जीत मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। जो पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में पीपल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) के गठबंधन से हार गई थी।
हिंद महासागर किसी एक देश का नहीं
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू 5 दिन के दौरे के बाद शनिवार को चीन से लौटे। राष्ट्रपति मुइज्जू से वेलाना एयरपोर्ट पर भारत के साथ तनाव को लेकर सवाल किया गया। इसके बाद भारत का नाम लिए बिना उन्होंने कहा- हमारा देश छोटा है लेकिन इसका ये मतलब नहीं की आपको हमें धमकाने का लाइसेंस मिला गया है। उन्होंने कहा- मालदीव देश छोटा जरूर है पर हमारा एक्सक्लूजिव इकोनॉमिक जोन 9 हजार स्कवेयर किलोमीटर में फैला है। मालदीव उन देशों में है जिसकी समुद्र में बड़ी हिस्सेदारी है। हम किसी के बैकयार्ड (पीछे का हिस्सा) में नहीं हैं।
उनकी इस टिप्पणी पर फिलहाल भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मुइज्जू 8-13 जनवरी को चीन में थे। यहां से लौटने के बाद उन्होंने चीन की तारीफ की। कहा- चीन ने हमारे आंतरिक मसलों में दखल नहीं दिया। चीन ने यह भी कहा कि वो हमारे किसी भी घरेलू मामले पर अपना असर नहीं डालेगा। राष्ट्रपति मुइज्जू ने हिंद महासागर को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा- हिंद महासागर किसी एक देश का नहीं है। मालदीव इस महासागर का सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाले देशों में से एक है।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा था- हम मालदीव की रक्षा करेंगे
भारत से विवाद के बीच मालदीव के दौरे पर गए मुइज्जू को राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन मालदीव के राष्ट्रीय हित में किए जा रहे विकास के एजेंडे में उनकी मदद करेगा। मालदीव की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में चीन उनके साथ खड़ा है। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप विजिट के बाद से दोनों देशों के बीच में तनाव है। PM मोदी ने लक्षद्वीप विजिट का वीडियो शेयर किया था। इस पर मालदीव के मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इसमें भारत की टूरिज्म सेक्टर में फेसेलिटीज को लेकर भी कमेंट्स थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा था।
भारत-मालदीव विवाद के 4 कारण…
- मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी चुनावी कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया।
- मुइज्जू ने सत्ता में आने के बाद भारत के सैनिकों को निकाल लेने के आदेश दिए।
- भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट खत्म करने की घोषणा की।
- मालदीव के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
विवाद के बाद मंत्री सस्पेंड
मालदीव की मंत्री ने PM मोदी को आपत्तिजनक शब्द कहे
मंत्री मरियम शिउना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में PM मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। वहीं, नेता जाहिद रमीज लिखा कि भारत सर्विस के मामले में हमारा मुकाबला नहीं कर सकता। मरियम यूथ एम्पावरमेंट, इन्फॉर्मेशन एंड आर्ट की डिप्टी मिनिस्टर थीं। उनकी इस पोस्ट पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा- शिउना ने गलत शब्द कहे हैं। ये बात मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि को खतरे में डाल सकती है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार को ऐसी टिप्पणियों से दूरी बनानी चाहिए।
साभार : दैनिक भास्कर
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